नई दिल्ली: डाकघर में अगर आपका बचत खाता है तो डाकघर का नियम बदला अब उसमें 500 रुपए तक मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य हो गया है। कम से कम आपको 500 का न्यूनतम बैलेंस रखना होगा ऐसा नहीं करने पर आपके खाते से मेंटेनेंस शुल्क के रूप में पैसे कट जाएंगे। ये नियम 12 दिसंबर 2020 के बाद से लागूू हो गया अगर आपकेेे खाते में 500 रुपए से कम धनराशि होगी तो उन्हें बतौर मेंटेनेंस जीएसटी चार्ज(GST) चार्ज 118 रुपए देना होगा। डाकघर के नियम बदलने से खाताधारकों को फायदा होगा।
डाकघर का नियम बदला अगर राशि शून्य मिली तो खाता बंद भी हो सकता है। आपको बता दे कि डाकघर बचत खाते का सालाना ब्याज दर 4 फ़ीसदी है। ये ब्याज निजी या सरकारी बैंकोंं के मुकाबले ज्यादा है। इस बचत खाता को खुलवाने के लिए 500 रुपए का डिपाजिट जरूरी है। इसेेे सिंगल यह जॉइंट दोनों तरह से खोल सकते हैं। एक व्यक्ति द्वारा सिर्फ एक डाकघर बचत खाता खोला जा सकता है।
डाकघर का नियम बदलने पर 500 रुपए में खोले खाता
Post office में 500 रुपए में बचत खाता खोला जाता है। सबसे अहम बात यह है कि एक डाकघर में एक ही बचत खाता खुलवा सकते हैं। इस समय डाकघर में बचत खाते पर सालाना ब्याज दर 4 फ़ीसदी है। इसे सिंगल या जॉइंट दोनों तरह से खोल सकते हैं। डाकघर के नियम में बदलाव से अब 10 साल से अधिक उम्र के नाबालिक बच्चे के नाम पर और दिमागी रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए भी खुलवा सकते हैं।https://www.fastkhabre.com/archives/2425
Post office में निवेश सुरक्षित
डाकघर की बचत योजनाओं में निवेश की गई सारी राशि एक सौ फ़ीसदी सुरक्षित रहती है। इसकी जमाओ पर साॅवरेन गारंटी होती है। जिसका मतलब है कि अगर डाकघर खाताधारकों का पैसा लौटाने में विफल रहता है तो सरकार निवेशकों के पैसे की गारंटी लेती है।
पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट पर चेक सुविधा, एटीएम सुविधा नॉमिनेशन सुविधा, अकाउंट एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे में ट्रांसफर कराने की सुविधा उपलब्ध है। बचत खाता को एक्टिव रखने के लिए 3 वित्त वर्षो के अंदर कम से कम एक बार डिपॉजिट या विद्रोह करना जरूरी है।
डाकघर बचत खाता को परिचालन में बनाए रखने के लिए 3 वित्त वर्ष में कम से कम खाताधारकों को वित्तीय लेनदेन करना अनिवार्य है। डाकघर बचत खाता में जमा राशि पर एक वित्त वर्ष के दौरान 10,000 रुपए तक का ब्याज टैक्स फ्री होता है।
डाकघर की बैंकिंग सेक्टर में बचत खाते मे पहले न्यूनतम बैलेंस रखने की 50 रुपया रखना अनिवार्य था। 1 साल पहले डाक विभाग के उच्च स्तरीय अफसरों ने डाक विभाग के बैंकिंग सेक्टर में कुछ नियमों में बदलाव किया। जिसमें 50 रुपए की जगह 500 रुपए न्यूनतम बैलेंस रखने की शर्त रखी गई।