पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद जीता ओलंपिक मेडल, प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर दी बधाई

भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक में ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया है। हॉकी में भारत ने 41 साल के सूखे को खत्म करते हुए ओलंपिक मेडल जीता है। भारत ने गुरुवार को ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से मात देकर टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है। 1980 के बाद भारतीय हॉकी टीम ने पहली बार ओलंपिक मेडल जीता है। इस जीत के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर भारतीय पुरुष हॉकी टीम को बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा है कि ये दिन हर भारतीय के लिए यादगार रहेगा।

पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद जीता ओलंपिक मेडल पीएम ने दी बधाई

पीएम मोदी ने कहा, “ऐतिहासिक! एक ऐसा दिन जो हर भारतीय की याद में अंकित होगा। कांस्य पदक जीतने के लिए हमारी पुरुष हॉकी टीम को बधाई। भारत को अपनी हॉकी टीम पर गर्व है।” भारत की पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल के बाद ओलंपिक पदक जीतने का गौरव हासिल किया है। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के लिए हुए रोमांचक मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हरा दिया।

पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद जीता ओलंपिक मेडल

पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद जीता ओलंपिक मेडलआठ बार की ओलिंपिक चैंपियन और दुनिया की तीसरे नंबर की भारतीय टीम एक समय 1-3 से पिछड़ रही थी लेकिन दबाव से उबरकर आठ मिनट में चार गोल दागकर जीत दर्ज करने में सफल रही।

इसे भी पढ़ें: Neeraj chopra: 19 साल मे बने आर्मी अफसर नीरज चोपड़ा ने जेवेलियन थ्रो के पहले प्रयास में किया शानदार प्रदर्शन, फाइनल में पहुंचकर मेडल की जगाई की उम्मीद

बहरहाल, मैच का पहला गोल दूसरे मिनट में जर्मनी के तिमोर ओरुज ने किया। ओरुज ने एक बेहतरीन फील्ड गोल के जरिए अपनी टीम को 1-0 से आगे कर दिया। जर्मनी ने इसी अंतर से दूसरे क्वार्टर में प्रवेश किया। सिमरनजीत सिंह ने हालांकि इस क्वार्टर की शुरुआत में ही 17वें मिनट में गोल कर स्कोर 1-1 कर दिया। यह एक फील्ड गोल था।

भारत ने नहीं माना हार

निकलास वालेन ने हालांकि 24वें और फिर बेनेडिक्ट फुर्क ने 25वें मिनट में गोल कर जर्मनी को एक बार फिर 3-1 से आगे कर दिया। भारत ने भी हार नहीं मानी और 27वें तथा 29वें मिनट में गोल कर स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया। 27वें मिनट में हार्दिक सिंह ने पेनाल्टी कार्नर पर गोल किया जबकि 29वें मिनट में भी पेनाल्टी कार्नर पर ही गोल हुआ जो हर्मनप्रीत सिंह ने किया।

हाफटाइम तक स्कोर 3-3 था। इसके बाद तो भारत नहीं रुका और एक के बाद एक गोल कर 5-3 की लीड ले ली। रुपिंदर पाल सिंह ने 31वें मिनट में पेनाल्टी स्ट्रोक पर भारत के लिए चौथा गोल किया, जबकि हर्मनप्रीत सिंह ने 34वें मिनट में अपना दूसरा और टीम के लिए पांचवां गोल किया।

इसे भी पढ़ें: डूरियन फ्रूट्स Musang king: मलेशिया के पेड़ पर लगा सोना, सरकार और किसानों के बीच छिड़ी जंग

जर्मन टीम भी हार मानने वाली नहीं थी। उसने 48वें मिनट में अपना चौथा गोल कर मैच में रोमांच ला दिया। जर्मनी के लिए यह गोल लुकास विंडफेडर ने पेनाल्टी कार्नर पर किया, अब स्कोर 4-5 हो चुका था। अंतिम समय में जर्मन टीम ने कई हमले किए लेकिन भारतीय डिफेंस मुस्तैद था। उसने तमाम हमलों को नाकाम कर स्कोर की रक्षा की और 41 साल से चले आ रहे सूखे को समाप्त किया।

1980 में जीता था पदक

भारत ने आखिरी बार 1980 के मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। कांस्य पदक की बात की जाए तो भारत ने 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में नीदरलैंड्स को हराकर यह पदक जीता था। टोक्यो में भारत का यह चौथा पदक है। भारत हॉकी के अलावा वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन और मुक्केबाजी में पदक जीत चुका है जबकि इस हार के साथ जर्मनी के हाथों 2016 के रियो ओलंपिक के बाद लगातार दूसरा कांस्य जीतने का मौका निकल गया।

 

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top