उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने राष्ट्रवाद को लेकर दिया विवादित बयान

नई दिल्ली: अपनी विवादित बयानों के चलते विवादों में रहने वाले पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने एक बार फिर एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने राष्ट्रवाद को बीमारी बताया है। उन्होंने कहा कि देश अभी ऐसे पर प्रकट और अप्रकट विचारधाराओं को लेकर खतरों से गुजर रहा है। जिसमें देश को दो काल्पनिक श्रेणियों के आधार पर हम और वो में बांटने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह बात उस दौरान कहीं जब देश में शशि थरूर की नई किताब ‘द बैटल ऑफ बिलॉन्गिंग’ का विमोचन होने वाला है।

उन्होंने कहा कि भारत करोना महामारी से पहले ही संकट में पड़ा है। उसके बाद भारत में दो और बीमारी धार्मिक कट्टरता और आक्रामक राष्ट्रवाद ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि धार्मिक कट्टरता के लिए सरकार के साथ समाज का भी इस्तेमाल किया गया है।  शशि थरूर की इस किताब में आक्रामक राष्ट्रवाद के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है।आक्रामक राष्ट्रवाद केेेेेे दौरान किसी भी व्यक्ति के अधिकारों के बारे में नहीं सोचा जाता हैै। जिससे लोगोंं के अधिकारों का उल्लंघन होता है। इसे वैचारिक जहर कहांं गया है। दुनिया में देखनेेेेे से पता चलता है,कि यह कभी भी नफरत में बदल सकताा है। अंसारी नेे कहा की देशभक्ति एक  सकारात्मक अवधारणाा है। इसका इस्तेमाल टॉनिक के रूप में किया जाता है।

द बैटल ऑफ बिलॉन्गिंग में क्या लिखा गया है

शशि थरूर ने अपनी किताब द वैटल आफ बिलॉन्गिंग में हिंदुत्व सिद्धांत और नागरिकता संशोधन कानून पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा है कि यह दोनों भारत में होने वाले सबसे बुनियादी पहलू पर सवालिया निशान खड़ा करती है।उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि हिंदुत्व का सिद्धांत धार्मिक से नहीं राजनीतिक से जुड़ा है। बीजेपी भारत के अस्तित्व के बारे में पिछले 6 सालों से ऐसा विचार पैदा कर रही है। भारत के अलावा और भारत हो सकता है।

शिया धर्मगुरु मौलाना यासूव अब्बास ने एक वीडियो शेयर कर पूर्व राष्ट्रपति की रिहाई पर निंदा व्यक्त की है। शिया धर्मगुरु कहते हैं कि हमारा देश एकता का प्रतीक है। यहां हर जाति के लोग आपस में मिलकर रहते हैं। मेरा देश फुल दान की तरह है। जहां सभी हिंदू, मुस्लिम, सिख हर धर्म के लोगों ने स्वतंत्रता के लिए अपना लहू बहाया है।