CBSE ICSE 12th Exam 2021: सीबीएसई की परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई टली, जाने बोर्ड एग्‍जाम कैंसिल होंगे या नहीं

CBSE ICSE 12th Exam 2021: शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में कक्षा बारहवीं बोर्ड परीक्षा को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई को टाल दिया गया है। यानी अब बारहवीं बोर्ड परीक्षा रद्द होगी या नहीं इसका फैसला 31 मई 2021 को आएगा। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि एक जून को सरकार द्वारा कक्षा बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एएम खानविलकर की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि सुनवाई के दौरान ICSE और CBSE से भी रिप्रेजेंटेशन होने चाहिए।

CBSE ICSE 12th Exam 2021

CBSE ICSE 12th Exam 2021 ऑब्जेक्टिव मेथड के आधार पर हो नतीजे घोषित

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर कर सीबीएसई की 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार, सीबीएसई और सीआईएससीई को निर्देश दिया जाए कि वह कोरोना के मद्देनजर 12वीं का पेपर रदद् करें। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि तय समय सीमा में ऑब्जेक्टिव मैथोडोलॉजी के बेसिस पर रिजल्ट घोषित किया जाए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने टिप्पणी करते हुए याचिकाकर्ता से कहा, ‘एक जून तक इस बारे में सीबीएसई (CBSE) की तरफ से फैसला लिए जाने की बात कही जा रही है। हो सकता है यह आपके मुताबिक ही हो।

CBSE ICSE 12th Exam 2021

सीबीएसई कक्षा 12वीं बोर्ड परीक्षा 2021 को रद्द करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया गया था। केरल के एक शिक्षक टोनी जोसेफ ने अपने आवेदन में कहा कि परीक्षा रद्द करना छात्रों के साथ अन्याय होगा। उसमें कहा गया था कि कक्षा 12वीं की परीक्षा एक छात्र के जीवन का एक अभिन्न अंग है और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण है।

एनएसयूआई का आज शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन

कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई आज शिक्षा मंत्रालय के बाहर बारहवीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। एनएसयूआई का कहना है कि विशेषज्ञों द्वारा कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा खतरे की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को देखते हुए परीक्षाओं को रद्द कर देना चाहिए।
इस सप्ताह की शुरुआत में लगभग 300 कक्षा 12वीं के छात्रों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना को एक पत्र भेजा था, जिसमें COVID-19 महामारी के बीच ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के फैसले को रद्द करने के लिए कहा गया था। छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को छात्रों को वैकल्पिक मूल्यांकन योजना उपलब्ध कराने का निर्देश देने की भी मांग की है।