Delhi University Seat Reservation: आइए जानते हैं इसके नियम के बारे में और छात्र क्यों कर रहे है इसका विरोध

Delhi University Seat Reservation: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया है। यह प्रदर्शन नॉर्थ कैंपस में आयोजित Delhi University Seat Reservation निर्णय के खिलाफ किया गया था। ये निर्णय दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा 21 दिसंबर 2020 को जारी एक अधिसूचना के आधार पर स्नातक पाठ्यक्रमों में 5 अतिरिक्त सीटों पर डीयू के संबंध कॉलेजो के प्राचार्य को प्रवेश देने का अधिकार दिया था। जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों ने जमकर विरोध और प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि मेरिट बाले छात्र के साथ यह अन्याय होगा।

डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कहा

Delhi University Seat Reservation

नंदिता नारायण ने कहा कि हम दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए अधिसूचना की जमकर निंदा करते हैं। यह  नियम छात्रों के नियमित प्रवेश से अलग हर कॉलेज में 5 सुपर न्यूमेरी सीटे देता है। यह प्रावधान कॉलेज के प्रधानाचार्य को अपने विवेक के आधार पर लगभग पूरी तरह से पांच प्रवेश करने की अनुमति देता है। जिसमें से दो विश्वविद्यालय द्वारा सुझाए गए हो सकते हैं। यह कदम पूरी तरह अनैतिक और गैरकानूनी है।https://www.fastkhabre.com/archives/2528

Delhi University Seat Reservation पर 30 दिसंबर तक अल्टीमेटम

दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने इस निर्णय को वापस लेने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय को 30 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा 21 दिसंबर 2020 को जारी एक अधिसूचना के अनुसार स्नातक पाठ्यक्रमों में पांच अधिकृत सीटों पर डीयू के संम्बंदृ कॉलेज के प्राचार्य को प्रवेश देने का अधिकार दिया था। जिसमें दिल्ली एबीवीपी(ABVP) के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेज यूनिवर्सिटी सीट श्रेणी का निर्धारण कर 5 सीटों पर प्रवेश दिए जाने संबंधी निर्णय से भ्रष्टाचार बढ़ेगा। ऐसे में मेरिट लिस्ट वाले छात्रों के साथ अन्याय होगा। उसका कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय इस निर्णय को वापस ले और छात्रों के साथ भेदभाव ना करें।

भाई भतीजावाद को मिलेगा बढ़ावा

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मुताबिक ये निर्णय डीयू के भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद को बढ़ावा देगा। इसी लिए छात्रों ने इस निर्णय का विरोध करते हुए इसको वापस लेने की मांग की है। प्रदर्शन के दौरान एक प्रतिनिधिमंडल ने डीयू कुलसचिव विकास गुप्ता से मुलाकात कर छात्रों  की बात को रखा। कुलसचिव ने सारी बातों को डीयू निर्धारित कमेटी के सामने रख छात्रों की मांग पर जल्द निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। इस प्रतिनिधिमंडल में एबीवीपी के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव, एबीवीपी के डीयू इकाई अध्यक्ष रामनिवास विश्नोई मौजूद थे।