डिजिटल पेमेंट का चलन बढ़ा, RBI के आंकड़ों द्वारा चेक भुगतान घटकर 2.96% हो गया

आरबीआई डिजिटल पेमेंट और समाधान प्रणाली को तेजी से आगे बढ़ाने के सकारात्मक नतीजे सामने आने लगे हैं। आरबीआई भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक डिजिटल पेमेंट को ज्यादा बढ़ावा देने की वजह से वित्त वर्ष 2019- 20 में चेक द्वारा रिटेल पेमेंट करने का आंकड़ा काफी नीचे स्तर पर आ गया है।

आरबीआई के आंकड़ों के हिसाब से बीते वित्त वर्ष में मात्रा के हिसाब से कुल भुगतान में चेक क्लीयरिंग का हिस्सा घटकर मात्र 2.96% रह गया है। हालांकि मूल के हिसाब से यह 20.08% रहा। वित्त वर्ष 2015 -16 में नोटबंदी होने के बाद आरबीआई ने डिजिटल पेमेंट को ज्यादा तेजी में बढ़ावा दिया और इसको इस्तेमाल करने के लिए लोगों को भी जागरूक किया।

जिसमें उस समय खुदरा भुगतान में मात्रा के हिसाब से चेक का हिस्सा 15.81% और मूल्य के हिसाब से 46.08% था। जबकि वित्त वर्ष 2016-17 में यह आंकड़ा घटकर 11.18% और 36.79% हो गया।

आरबीआई के आंकड़े के अनुसार यह आंकड़ा घटकर 7.49% और मात्रा के हिसाब से 28.78% पर आ गया था। उसके बाद 2018-19 में यह और घटकर क्रमशः 4.60% और 22.65% पर आ गया।

आइए जानते हैं आरबीआई के ताजा आंकड़े

रिजर्व बैंक के आंकड़े के अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 से 2019- 20 के दौरान मात्रा के हिसाब से डिजिटल पेमेंट करने का सालाना आधार पर 55.1% की बढ़ोतरी के साथ सिर्फ 593.61 करोड़ से 3434.56 करोड़ तक पहुंच गया।

वही मूल के हिसाब से यह 920.38 लाख करोड़ रुपए से 1623.05 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इसमें सालाना आधार पर 15.2% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। वित्त वर्ष 2016-17 में डिजिटल पेमेंट 593.61 करोड़ से 969.12 करोड़ पर पहुंच गया।

मूल के हिसाब से यह 1120.99 लाखों रुपए पर पहुंच गया। कोरोना कि वजह से लाॅकडाउन लग गया। जिसके चलते मात्रा के हिसाब से आगे डिजिटल भुगतान का आंकड़ा कई गुना बढ़ सकता है। बता दें कि आधिकारिक बयान के मुताबिक अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए यह वित्त मंत्री की इस तरह की ये चौथी बैठक हुई।

जिसमें अर्थव्यवस्था को कोविङ -19 के संकट से उबारने के लिए हितधारकों के साथ बैठक कर रही है। सीता रमन ने कहा है कि, उनके द्वारा किए जाने वाला पूंजीगत व्यय आर्थिक वृद्धि के इंजन का एक अमूल घटक होता है। ऐसे में उन्हें 2020 -21 और 2021 -22 तक इस नीति को तेज करने की जरूरत है।

वित्त मंत्री ने मंत्रालय के सचिवों से केंद्रीय लोक उपक्रमों के प्रदर्शन पर बारीकी से नजर रखने और दिसंबर तक उनके 2020 -21 के लक्षित पूंजीगत व्यय का 75% खर्च सुनिश्चित करने पर अधिक बल दिया।

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