इस वर्ष होली 29 मार्च, सोमवार को पड़ रही है। इस हिसाब से होलिका दहन ( Holika Dahan) रविवार यानी आज मनाया जाएगा। होलिका दहन का मुहूर्त रविवार को सुबह 06 बजकर 37 मिनट से लेकर शाम 08 बजकर 56 बजे तक का है। होलिका दहन को होलिका दीपक और छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। इसे होली से एक रात पहले मनाया जाता है। मान्यता है कि होली के त्यौहार पर होलिका पूजा करने से सभी प्रकार के भय पर विजय प्राप्त होती है। होलिका दहन को लेकर एक कथा प्रचलित है जिसकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं।
इस मौके पर बच्चे हों या बूढ़े सभी होली की मस्ती में डूबे दिख रहे हैं। प्रेम के रंगों से डूबे इस त्योहार में सभी मिलकर एक-दूसरे के घर जाते है, गुझियां खिलाते हैं और एक-दूसरे पर रंग-गुलाल डालकर होली मना रहे हैं।
Holika Dahan पर एक कहानी प्रचलित
होलिका दहन को लेकर एक कहानी प्रचलित है जिसके अनुसार, दानवराज हिरण्यकश्यप की बहन होलिका और भक्त प्रहलाद की। हिरणयकश्यप को यह कतई नहीं पसंद था कि उसके बेटा प्रहलाद भगवान विष्णु की पूजा करता है।उसने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया की वह प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए, क्योंकि होलिका को वरदान प्राप्त था कि उसे अग्नि जला नहीं सकती थी। किन्तु हुआ इसके ठीक विपरीत, होलिका जलकर भस्म हो गई और भक्त प्रहलाद को कुछ भी नहीं हुआ। इसी घटना की याद में इस दिन होलिका दहन करने का विधान है।
इस का महत्व अत्याधिक है। मान्यता है कि इस दिन समाज की समस्त बुराईयों का अंत होता है। यह बुराइयों पर अच्छाइयों की विजय का सूचक है। इस दिन गांव में लोग देर रात तक जागते हैं और होली के गीत गाते हैं तथा नाचते हैं।
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आज के दिन दान पुण्य का भी योग बन रहा है। सुबह उठकर शाही स्नान करने से यश की प्राप्ति होगी साथ ही दान करने से पुण्य मिलेगा। आज के दिन गरीबों के बीच कपड़े, मिटाई, फल आदि बांटने की भी परंपरा है. होलिका दहन के दौरान आग में चना, मटर आदि डालने की भी परंपरा है। माना जाता है होलिका दहन के धुएं से शुभ फल मिलता है। साथ ही साथ मन से बुराइयां भी दूर होती है। बता दें कि आज के दिन शुभ कार्य की शुरुआत भी की जा सकती है।