Shakti Act को महाराष्ट्र कैबिनेट ने दी मंजूरी महिलाओं के खिलाफ अपराध पर मौत की सजा

Shakti Act महाराष्ट्र मे महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर रोक लगाने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को Shakti Act को मंजूरी दे दी है। इसे अब आने वाले विधानसभा सत्र में टेबल कर इस पर चर्चा कर इस कानून को स्वरूप दिया जाएगा। जिससे दोषियों के लिए मृत्युदंड आजीवन कारावास और भारी जुर्माना सहित कड़ी सजा और मुकदमे को त्वरित सुनवाई के प्रावधान है। इस कानून को राज्य में लागू करने के लिए विधेयक के मसौदे मे भादंस सीआरपीसी और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम का प्रसांगिक धाराओं में संशोधन करने का प्रस्ताव है। जिसमें घृणित अपराधोंं मेें चार्जशीट दाखिल होने के बाद प्रतिदिन कोर्ट की सुनवाई होगी।

Shakti Act 2020 में क्या-क्या प्रावधान है

Shakti Act

इस कानून में बेहद गंभीर और घृणित अपराध के लिए मौत की सजा का प्रावधान दिया गया है। बेहद गंभीर अपराध की 5 साल के लिए 15 दिन की समय सीमा रखी गई है। इसमे योग्य कारण का हवाला देते हुए जांच के लिए 7 दिन बढ़ाए जाने का प्रावधान दिया गया है। इसमें घृणित अपराधों मे चार्जशीट दाखिल होने के बाद प्रतिदिन कोर्ट की सुनवाई होगी जिसमें 30 दिनों में सुनवाई पूरी हो जाएगी, जैसे ही कोर्ट में सजा सुनाई जाएगी उसके 45 दिन के भीतर फाइल पूरा कर लिया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार ने आंध्र प्रदेश के दिशा एक्ट से प्रेरणा लेते हुए इस Shakti Act को प्रस्तावित किया है। जिसका नाम स्पेशल कोर्ट एंड मशीनरी फॉर द इंम्प्लीमेंटेशन ऑफ शक्ति एक्ट 2020 रखा गया है।

Shakti Act के अंतर्गत यह प्रस्ताव रखा गया है

इस ऐप में प्रस्ताव रखा गया है कि हर जिले में एक स्पेशल कोर्ट और विशेष पुलिस टीम होगी जिसने महिलाओं और बच्चों की सहूलियत और सुविधा के लिए विशेष संस्थान का गठन किया जाएगा इसमें एसिड अटैक मामले में धारा गया जमानत होगी इसमें 10 साल की सजा होगी इसके इसके अतिरिक्त मौत की भी सजा का प्रावधान होगा जिसमें पीड़िता को 10 लाख रुपए तक का मुआवजा देना होगा जो पीड़िता की सर्जरी और चेहरे के पुनर्निर्माण के लिए होगा।

इस कानून में रेप करने जैसे अपराधों को भी शामिल किया गया है जिसमें 16 साल से कम उम्र की महिला या बच्ची के साथ रेप करने वाले को 12 साल की सजा है। सोशल मीडिया के माध्यम से किसी भी महिला के साथ दुर्व्यवहार करने पर 2 साल की सजा और 1 लाख का जुर्माना देने का प्रावधान है। इन सव की जांच करने पर अगर सरकारी कर्मचारी मदद नहीं करता है तो उनको 6 महीने की सजा मिलेगी। जो बढ़कर 2 साल भी हो सकती है। https://www.fastkhabre.com/myntra-ने-लॉन्च-किया-नया-डिजिटल/

अनिल देशमुख ने कहा

अनिल देशमुख ने कहा कि इसमें 15 दिनों के भीतर किसी मामले में जांच पूरी करने और 30 दिन के भीतर सुनवाई का प्रावधान है। शक्ति कानून पर मुहर लगाने के बाद महिला एंव बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा कि महा विकास आघाडी की सरकार केवल बोलती नहीं है करके भी दिखाती है। उन्होंने इस Shakti Act कानून को महिलाओं के लिए ऐतिहासिक कानून बताया है। जिससे महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध पर रोक लगाया जा सकेगा।