सर गंगाराम अस्पताल के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. ए.के. भल्ला ने बताया, 'किडनी में खराबी का जोखिम मछली की इन दो प्रजातियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य प्रकार की मछलियों के पित्ताशय खाने से भी यह समस्या हो सकती है.इसलिए चिकित्सक लोगों को मछली का कच्चा पित्ताशय न खाने की सलाह देते हैं.
दरअसल, पित्त में साइप्रिनॉल नाम का एक ऐसा विषैला तत्व होता है, जो किडनी को डैमेज कर देता है. किडनी में समस्या होने पर रोगी को पेट दर्द, उल्टी और कम पेशाब आने जैसे लक्षण महसूस होते हैं. इसमें मरीज की किडनी फेल हो सकती है. यहां तक कि उसकी मौत भी हो सकती है.