Mahashay dharampal gulati: MDH ग्रुप के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन, 650 रुपए में टांगा खरीद कर खुद चलाया

महाशय धरमपाल गुलाटी: एमडीएच (MDH) ग्रुप के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन हो गया है। उन्होंने आज सुबह माता चन्नन देवी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली है। 98 वर्ष के महाशय धर्मपाल काफी लंबे समय से बीमारी के चलते माता चन्नन हॉस्पिटल में एडमिट थे। जहां उनका इलाज के दौरान निधन हो गया। महाशय धर्मपाल गुलाटी बंटवारे के बाद भारत आए थे। उन्होंने तांगा चला कर अपना जीवन यापन शुरू किया था, और वो मसाले के शहंशाह बन गए। उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया है।

आइए जानते हैं उनके सफर के बारे में

महाशय धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 को सियालकोट में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। उन्होंने साल 1933 में अपनी 5वी कक्षा की पढ़ाई छोड़ दी थी। उसके बाद साल 1937 में उन्होंने अपने माता-पिता के सहयोग से व्यापार शुरु किया। जिसमें उन्होंने कपड़ा साबुन, चावल, हार्डवेयर, बढ़ई जैसे व्यापार किया था। हालांकि उन्होंने लंबे वक्त तक इस व्यापार को नहीं किया। उसके बाद वह अपने पिता के साथ व्यापार शुरू किया। वो अपने पिता की महेशियां दी हड्डी के नाम की दुकान में काम करने लगे, उस वक्त उन्हें देगी मिर्च वाले के नाम से जाना जाता था‌ जब भारत और पाकिस्तान अलग हो गया तो वो वहां से 27 दिसंबर 1947 को दिल्ली आ गए।

1500 रुपए लेकर आए थे दिल्ली

जब भारत और पाकिस्तान अलग हुआ तो वह भारत आ गए। 27 सितंबर 1947 को जब वह दिल्ली आए तो उनके पास सिर्फ 1500 रुपए ही थे। जिससे उन्होंने एक तांगा खरीदा जिसकी कीमत 650 रुपए थी, फिर उन्होंने खुद उस टांगों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कुतुब रोड के बीच चलाया। उसके बाद उन्होंने टांगा अपने भाई को दे दिया।

करोलबाग में खोली दुकान

उन्होंने कुछ दिनों के बाद करोल बाग के अजमल खान रोड पर ही एक छोटी सी मसाले की दुकान खोली। जिसमें उन्होंने मसाला बेचना शुरू किया। उसका यह मसाले का व्यापार काफी चलने लगा। जो एमडीएच (MDH) के नाम से चर्चित है, जो आज एक एमडीएच मसाला ब्रांड के नाम से जाना जाता है।

सामाजिक कार्यों में योगदान

महाशय धर्मपाल गुलाटी ने सामाजिक कार्यों में भी काफी योगदान दिया है, जो समाज के लिए काफी मददगार साबित हुआ। उन्होंने कई अस्पताल, स्कूल खुलवाए। उन्होंने अब तक 20 से भी अधिक स्कूल खुलवाया हैं।

कंपनी के लिए खुद करते थे ऐड

धर्मपाल गुलाटी की दुकान की मसाले का कारोबार जब धीरे-धीरे बढ़ गया तो उन्होंने अपने प्रोडक्ट के लिए खुद ऐड करना शुरू कर दिया। उन्हें अक्सर अपनी मसालों का ऐड करते हुए टीवी चैनलों पर देखा जाता रहा है।

रक्षा मंत्री राजनाथ ने जताया दुख

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि भारत के प्रतिष्ठित कारोबारियों में से एक महाशय धर्मपाल गुलाटी जी के निधन से मुझे बहुत दुख हुआ है। उन्होंने छोटे व्यवसाय शुरू करने के बावजूद भी एक बड़ी पहचान बनाई है। उन्होंने कई सामाजिक कार्य भी किए हैं। मैं उनके निधन पर उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी धर्मपाल गुलाटी की निधन पर दुख जाहिर किया है।

 

 

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