कड़कनाथ मुर्गे को आइसोलेट, बर्ड फ्लू के खतरे से बचाने के लिए कड़कनाथ को पिलाया जा रहा है इम्यूनिटी ड्रिंक

कड़कनाथ मुर्गे को आइसोलेट इन दिनों कोरोनावायरस के बाद बर्ड फ्लू जैसी बीमारियों ने दस्तक दे दी है। केरल और अन्य राज्यों के साथ-साथ अब मध्यप्रदेश में भी बर्ड फ्लू का असर दिखाई दे रहा है। जिसके चलते मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के प्रसिद्ध प्रजाति कड़कनाथ मुर्गा और उनके चूजों को आइसोलेट किया जा रहा है। वही वर्ड फ्लु की शिकायत मिलने के बाद कड़कनाथ मुर्गे को स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टर की सलाह पर उसके इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए उसे हल्दी वाला पानी पिलाया जा रहा है।

कड़कनाथ मुर्गे को आइसोलेट

झाबुआ की दोनों सरकारी केंद्रों पर यहां की दुर्लभ प्रजाति कड़कनाथ को बचाने के उपाय तेज हो गए हैं। पहले ही कड़कनाथ को आइसोलेट रखा जाता रहा है, लेकिन अभी इसकी और ज्यादा देखभाल की जा रही है। फॉर्म में आने वाले शौकीन को थोड़ा दूर ही रखा जा रहा है।

निजी केंद्रों पर जांच

जिले में 3 बड़े और 50 छोटे निजी केंद्र है जहां जांच शुरू हो गई है। सरकारी चिकित्सा मंगलवार को रुंडीपाड़ा के निजी केंद्रों पर पहुंचे और इससे बचने की जानकारी देते हुए कड़कनाथ मुर्गे व चूजे का जांच किया। यहां लगभग डेढ़ हजार पक्षी और धोनी के ऑर्डर के 2 हजार चूजे भी तैयार हैं।

दरअसल जिले की एक कॉलोनी में मंगलवार शाम एक कबूतर मृत अवस्था में मिला जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया। जिसको देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र और पशुपालन विभाग ने भी अपने यहां के कड़कनाथ फॉर्म को आइसोलेट कर दिया। अब इस केंद्रों से ना चूजे बाहर जा सकते हैं ना अंदर लाया जा सकता है। पशुपालन विभाग की टीम इसे पालने वाले को गाइड भी कर रही है। झाबुआ में कृषि विज्ञान केंद्र और पशुपालन विभाग के केंद्रों पर लगभग 500- 500 से अधिक कड़कनाथ मुर्गे हैं।

कड़कनाथ मुर्गे को आइसोलेट पशुपालन विभाग ने दिया सुझाव

झाबुआ कुक्कुट पालन केंद्र के प्रभारी डॉ एएस दिवाकर  ने इस केंद्र का जायजा लिया। इसके अलावा भी कुछ मुर्गी पालन केंद्रों का निरीक्षण किया गया जिसमें मुर्गी पालकों को बताया गया कि पक्षियों को विटामिन बढ़ाने वाली खुराक देना है और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए पानी में हल्दी की कुछ मात्रा मिलाकर दिया जाए। साथ ही परिसर की सफाई की जाए। बाहर से चूजे ना लाए जाएं। विनोद झा का फॉर्म वही है जो महेंद्र सिंह धोनी को कड़कनाथ मुर्गे देते है।https://www.fastkhabre.com/archives/2778

पशु चिकित्सा विभाग के कड़कनाथ केंद्र के प्रभारी अमर सिंह दिवाकर ने बताया कि यहां कोई बीमारी नहीं है केवल सावधानी रखने के लिए अलर्ट किया गया है। कड़कनाथ को बीमारी के खतरे से बचाने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।

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