किसान आंदोलन के पूरे हुए 7 महीने, पिछले 7 माह से लगातार किसान आंदोलन कर रहे हैं। जिसके बाद राजधानी के बहुखंडी में किसान एकत्रित हुए। इसके बाद किसानों ने राजभवन जाने की बात कही थी। किसानों के राजभवन पहुंचने की स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में एसएसबी और लखनऊ पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं। फिलहाल, किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल हरिनाम सिंह के नेतृत्व में राज्यपाल से मिलने के लिए पहुंचा। किसान नेताओं का कहना है कि, केंद्र सरकार के द्वारा पास किए गए कृषि कानून के विरोध में लगातार आंदोलन कर रहे हैं, अगर कानून को वापस नहीं लिया गया तो पूरे देश में किसान एकजुट होकर आंदोलन करेंगे।
भारत में 1975 में आपातकाल की घोषणा की 46वीं वर्षगांठ पर, किसानों ने पूरे भारत में ज़ोरदार और व्यापक रूप से ‘कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस ‘के रूप में मनाया। इस दौरान देश के अलग-अलग राज्यों में किसानों ने राज्यपाल से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपे।
किसान आंदोलन के पूरे हुए 7 महीने राजेश सिंह चौहान ने बताया
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने बताया कि, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलकर हमने ज्ञापन सौंपा है। आज किसान आंदोलन को 7 महीने पूरे हो गए हैं, उसके बावजूद भी किसानों की कोई बात नहीं सुनी गई। देश में हमें अन्नदाता कहा जाता है, 74 सालों से अपनी जिम्मेदारी लगातार निभाते चले आ रहे हैं। जब देश आजाद हुआ तो उस समय हम 35 करोड़ लोगों का पेट भर रहे थे। आज इतनी ही जमीन पर हम 140 करोड़ जनता को भोजन देते हैं। ऐसी स्थिति में भी अन्नदाता परेशान है। कोरोना के चलते पूरा देश में लॉकडाउन था, तब भी किसानों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर खाद्यान्न पैदा किया।
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प्रदर्शनकारियों को पुलिस दमन का सामना करना पड़ा
संयुक्त किसान मोर्चा ने शाम को एक प्रेस नोट जारी कर बताया कि प्रदर्शनकारियों को कई स्थानों पर पुलिस दमन का सामना करना पड़ा, जो आज के अघोषित आपातकाल को दर्शाता है।
उनके मुताबिक विभिन्न राज्यों में सत्ताधारी बीजेपी और अन्य सरकारों ने कर्नाटक, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, तेलंगाना आदि में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को उठाकर हिरासत में लिया और उन्हें राजभवन तक मार्च करने या राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन राज्यपाल को सौंपने की अनुमति नहीं दी गई।
किसान नेताओं के प्रतिनिधिमडल ने राजभवन मे सौंपा ज्ञापन
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में किसान नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने वहां राजभवन के मनोनीत अधिकारी को ज्ञापन सौंपा तो महाराष्ट्र में किसान प्रतिनिधियों ने राज्यपाल से मुलाक़ात कर ज्ञापन सौंपा। इसी प्रकार हिमाचल प्रदेश में किसान नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाक़ात कर ज्ञापन की प्रति दी। ओडिशा में राज्यपाल के सचिव को भुवनेश्वर में एक ज्ञापन सौंपा गया वही बिहार के पटना, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, त्रिपुरा के अगरतला और तमिलनाडु के चेन्नई में किसानों का राजभवन में जमावड़ा और रैलियां हुईं।
तमिलनाडु और कर्नाटक के विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनकारियों की बड़ी भीड़ देखी गई। ओडिशा और बिहार में कई स्थानों पर स्थानीय विरोध प्रदर्शन हुए तो महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कई जगहों पर तहसील स्तर और ज़िला स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए।