Bhai Phota Date 2023 : जानिए कब है भाई फोटा, ये पर्व बंगाली समुदाय के लोगों के लिए क्यों है इतना खास

Bhai Phota Date 2023 : बंगाली समुदाय में कई तीज-त्योहार होते हैं, जिसकी अपनी अपनी विशेषताएं होती हैं। इन्हीं में एक है भाई फोटो। इसे भाई टीका या भाई दूज भी कहा जाता है। पंचांग के अनुसार भाई फोटा का पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को होता है।

भाई दूज भाई-बहन के बीच अटूट रिश्ते, प्रेम और सद्भावना का पर्व है। पूरे बंगाल में इस पर्व को उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि अलग-अलग जगहों पर इस पर्व को मनाने की परंपरा और नाम में भी अंतर होता है। आइये जानते हैं बंगाल में इस साल कब है भाई फोटा और क्या है इस दिन का महत्व

कब है भाई फोटा 2023 (Bhai Phota Date 2023)

इस साल “bhai dooj 2023 , भाई फोटा या भाई टीका का पर्व 15 नवंबर 2023 को बताया जा रहा है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 14 नवंबर 2023 को दोपहर 02:36 से शुरू हो जाएगी, जिसका समापन 15 नवंबर को दोपहर 01:47 पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से यह पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा।

बंगाल में कैसे मनाया जाता है भाई फोटा (How to Celebrate Bhai Phota in Bengal)

Bhai Phota Date 2023

भाई दूज के पर्व को ही भाई फोटा या भाई टीका कहा जाता है। इस दिन बहनें भाई को तिलक लगाती हैं। इसे मंगल तिलक कहा जाता है, जिसे लगाकर बहनें भाई की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन की कामना करती हैं। इसके बाद भाई भी बहनों को अपनी तरफ से तोहफे देते हैं। विवाहित बहनें भाई को तिलक लगाने के लिए ससुराल से पीहर आती हैं या फिर भाई बहनों के पास जाते हैं। भाई-बहन दोनों इस दिन उपवास रखते हैं और टीका लगाने के बाद ही भोजन करते हैं। भाई फोटा पश्चिम बंगाल के प्रमुख त्योहारों में एक है और इसे बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

भाई फोटो पर्व को मनाए जाने को लेकर ऐसी धार्मिक मान्यता है कि, कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि के दिन ही यमुना ने अपने भाई यमराज को अपने घर बुलाकर सत्कार किया था और भोजन कराया था। इसलिए इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।

अलग-अलग क्षेत्रों में कैसे मनाया जाता है भाई फोटा 

  • पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल में कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई फोटो , भाई दूज या भाई टीका के नाम से इस पर्व को मनाया जाता है।
  • महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में इस पर्व को ‘भाऊ बीज’ के नाम से जाना जाता है। क्योंकि मराठी संस्कृति में भाई को भाऊ कहा जाता है।
  • उत्तर प्रदेश: यहां पर इसे भाई दूज के नाम से जाता है। इसमें बहनें भाई का तिलक लगा कर उन्हें मिष्ठान खिलातीं हैं।
  • बिहार: बिहार में भाई दूज को गोधन के नाम से भी जाना जाता है। यहां इसे मनाने की परंपरा बिल्कुल अलग है। इस दिन बहनें भाइयों को डांट लगाती है और बुरा-भला कहती हैं। हालांकि इसके बाद बहनें भाई से माफी भी मांगती है फिर बहन भाई को टीका लगाकर उनके हाथ में कलावा बांधती है और मिठाई खिलाती है।