Disease X: कोरोना वायरस महामारी के बीच वैज्ञानिकों ने एक नए घातक वायरस की चेतावनी दी है जो इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। करोना से भी तेज फैलने वाला है। इसका नाम डिजीज एक्स (Disease X) रखा गया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि ये बीमारी इबोला वायरस की तरह घातक साबित हो सकता है। 2021 मे थोड़ी उम्मीद थी कि हम थोड़ी राहत की सांस लेंगे लेकिन अब एक नया खतरा हमारे जिंदगी पर मंडरा रहा है।
वैज्ञानिकों को अब एक नया वायरस डिजीज एक्स मिला है जो बेहद खतरनाक और जानलेवा है। दुनिया को सबसे पहले इबोला वायरस के बारे में बताने वाले प्रोफेसर जीन जैकव मुंम्वे ने इस बारे में बताया। अफ्रीका देश कांगो गणराज्य में इसका पहला मामला सामने आया है। इंगेडे नामक के गांव में एक महिला बुखार से संक्रमित हुई। लक्षण कुछ-कुछ इबोला जैसा था। अगर इस नए वायरस ने वैज्ञानिकों के बीच डर और चिंता पैदा कर दी है बड़ी चिंता की बात तो यह है कि यह वायरस के बारे में ज्ञान वैज्ञानिकों को भी ठीक से पता नहीं चल पाया है।
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Disease X WHO का अनुमान
वही WHO का अनुमान है कि हर साल इस बीमारी के लगभग एक अरब मामले सामने आ सकते हैं और लाखों लोगों की जान भी जा सकती है। साल 2018 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रिसर्च के लिए एक ग्लोबल प्लान को प्रकाशित किया था। इसके ब्लूप्रिंट्स में जिन बीमारियों को रखा गया था उनमें यह नया वायरस भी था। इसके अलावा डब्ल्यूएचओ की सूची में कोरोना वायरस, निपाह वायरस, इबोला, लासा बुखार और जीका वायरस जैसी खतरनाक बीमारियां भी शामिल थी।
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हेल्महोल्टज सेंटर के डॉक्टर जोसेफ सेटल ने द सन ऑनलाइन को बताया, जानवरों की कोई भी प्रजाति इस बीमारी का स्रोत हो सकती है। संभावना उन समूहों के लिए ज्यादा है जहां चूहे और चमगादड़ जैसे अधिक प्रजातियां हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रजातियों के अनुकूल क्षमता पर निर्भर करता है।
डिजीज एक्स है क्या
इस वायरस को Disease X इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि वैज्ञानिक को भी अभी तक इसके बारे में ठीक से पता नहीं चल पाया है और ना वैज्ञानिक को इस बारे में पता है कि यह वायरस कहां से शुरू हुआ और इसके लक्षण क्या-क्या होंगे। इस नए वायरस से संक्रमित महिलाओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया। वैज्ञानिक का डर इसलिए बड़ा की इस महिला पर कई तरह के टेस्ट किए गए। यहां तक कि इबोला की बीमारी के लक्षण होने के बावजूद सभी रिपोर्ट नेगेटिव आई।
जान जाने के मामले में इबोला कोरोना वायरस से ज्यादा खतरनाक रहा है। इबोला के संक्रमित लोगों को बुखार और हेमरेज हो रहा था इसमे 88 फ़ीसदी मरीज की मौत हो रही थी। यहां तक कि इस बीमारी की शुरुआत में जिन अस्पताल में मरीजों का इलाज चल रहा था उसके 80 फीसदी स्टाफ की मौत हो गई थी। इबोला की तरह इससे संक्रमित 50 से 90 फ़ीसदी लोगों की मौत हो सकती है।
वैज्ञानिकों को डर है कि अगली महामारी ब्लैक डेथ से भी बदतर हो सकती है। जिसमें से 7.5 करोड़ों लोगों की मौत हुई थी और डिजीज एक्स वायरस इससे ज्यादा खतरनाक हो सकता है। इतना ही नहीं आने वाले वक्त में मानव जाति को हर 5 साल में स्वस्थ संगठन का सामना करना पड़ सकता है।