अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने चांद पर 4G मोबाइल नेटवर्क स्थापित करने की प्लानिंग की है। इसके लिए कंपनी ने टेलीकॉम की एक बड़ी कंपनी नोकिया को इसका ठेका भी दे दिया है। जिसमें बताया जा रहा है, कि नोकिया चांद पर पहले 4G LTE नेटवर्क स्थापित करेगा।
उसके बाद 4G को 5G में बदल देगी। जिसके लिए नोकिआ को (NASA) नासा ने काम शुरू करने के लिए USD 14.1 मिलियन का फंड दिया है। नासा ने अपने इस मिशन को करने के लिए नोकिआ सहित कुल 14 अमेरिकी कंपनियों को चुना है। इस मिशन में कुल USD 370 मिलीयन का फंड जमा हो गया है।
NASA के प्रशासक जिम ब्रिडेनस्टाइल ने एक ही लाइव प्रशासन में कहा कि, यदि नासा 2028 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर काम करते हुए देने के लक्ष्य को पूरा करना चाहता है, तो उसे नई तकनीकों को बहुत तेजी से विकसित करना होगा।
ब्रिटेन स्टाइल में यह भी कहा कि, हमें ऐसे सिस्टम की जरूरत है। जो चंद्रमा की सतह पर लंबे समय तक रह सके। आपको बता दें कि 2018 में चांद पर LTE नेटवर्क लॉन्च करने की पहले भी कोशिश की गई थी। जिसमें नोकिया ने PT साइंटिस्ट, जर्मन स्पेस फर्म, वोडाफोन UK के साथ समझौता किया था।
जिसमें अपोलो 17 लैंडिंग पर नेटवर्क स्थापित करने की योजना थी, पर इस योजना पर सहमति नहीं बन पाया था। इसके प्रयास से अंतरिक्ष यात्रियों को आवाज और वीडियो संचार क्षमताएं देगी, और टेलिमेटरी और बायोमैट्रिक डेटा एक्सचेंज करने के साथ ही लूनर रोवर्स और दूसरे रोबोटिक उपकरणों को तैनात और रिमोट कंट्रोल को भी अनुमति मिलेगी
नेटवर्क को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा। जिसमें बेहद खराब स्थिति में भी लूनर और लूनर लैंडिंग के लॉन्च और स्पेस में ऑपरेशन को सही ढंग से संचालित कर सके। जिसमें अंतरिक्ष पे लोड के बड़े आकार, वजन और बिजली की कमी को पूरा करने के लिए चांद पर भेजा जाएगा, और जो बेहतर तरीके से चांद पर कम्युनिकेशन करने में मदद करेगा।
नोकिया ने कहा
2022 के अंत तक नेटवर्क तैयार हो जाएगा। नोकिया कंपनी ने कहा अंतरिक्ष में पहला वायरलेस ब्रॉडबैंड संचार प्रणाली 2022 के अंत तक चांद की सतह पर बन जाएगा। जिसके लिए कंपनी टेक्सास स्थित निजी स्पेसक्राफ्ट डिजाइन की कंपनी इंटूटिव मशीन के साथ समझौता करेगी। जिसके इस्तेमाल से नोकिआ अपने उपकरण को चांद तक पहुंचा सकेगा।
नोकिया कंपनी ने किया खुशी का इजहार
नोकिया कंपनी की रिसर्च आर्म, बेल लैब्स ट्विटर पर कॉन्ट्रैक्ट मिलने की खुशी का इजहार करते हुए कहा कि, चंद्रमा के लिए “डिपिंग पॉइंट” प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के एक प्रमुख भागीदारी के रूप में नासा द्वारा नोकिआ का नाम चुने जाने पर बेहद खुश और उत्साहित हैं।