Onam 2021 date: ओणम कब है और क्यों मनाया जाता है यह त्योहार, जानिए इससे जुड़ी अहम बातें

Onam 2021 date: ओणम केरल में सबसे लोकप्रिय और वहां के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस त्योहार को थिरु-ओणम या थिरुवोनम के रूप में भी जाना जाता है, ये त्योहार हर साल अगस्त और सितंबर के बीच मनाया जाता है। इस वर्ष, ये 2021 Onam date 21 अगस्त, 2021 को मनाया जाएगा। हालांकि, उत्सव 12 अगस्त से ही शुरू हो चुका है और ये 23 सितंबर, 2021 तक जारी रहेगा, अर्थात् ये अथम के दिन शुरू होता है और अगले 10 दिनों तक तिरुवोनम दिवस तक जारी रहता है। सौर कैलेंडर के अनुसार, Onam 2021 thiruvonam date ओणम चिंगम महीने में मनाया जाता है जब इस महीने में नक्षत्र थिरुवोनम प्रबल होता है।

Onam 2021 dateओणम का पर्व हर वर्ष भाद्र मास के शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 21 अगस्त को ओणम का मुख्य पर्व रहेगा। ओणम का पर्व अजर-अमर राजा बलि के लिए मनाया जाता है। वहीं किसान यह पर्व अच्छी फसल होने एवं उपज में वृद्धि के लिए मनाते हैं।

Onam 2021 date |(ओणम 2021) दिनांक और समय

  • ओणम 2021 तिथि – शनिवार, 21 अगस्त, 2021
  • इस वार ओणम नक्षत्रम प्रारंभ – 20 अगस्त 2021 को रात 09:25 बजे
  • ओणम का नक्षत्रम समाप्त – 21 अगस्त 2021 को रात 08:22 बजे

Onam 2021 date|ओणम का त्योहार क्यों मनाया  जाता है

Onam 2021 dateकेरल का एक फसल उत्सव त्योहार है ओणम, जो मुख्य रूप से मलयाली भाषी मूल निवासियों द्वारा मनाया जाता है। ये दानव राजा महाबली, एक दयालु और बहुत प्यार करने वाले दानव का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार, इस महीने में ही वो त्योहार के दौरान केरल लौटे थे। ये त्योहार राजा बलि के स्वागत में मनाया जाता है। मान्यता है कि केरल के राजा बलि के राज्य में प्रजा बहुत ही सुखी और संपन्न थी। इसी दौरान भगवान विष्णु वामन अवतार लेकर आए और तीन पग में उनका पूरा राज्य लेकर उनका उद्धार कर दिया।

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माना जाता है कि वे साल में एक बार अपनी प्रजा को देखने जरूर आते हैं, और उन्हीं के आने की खुशी में ओणम मनाया जाता है। घरों को सजाया जाता है। इतना ही नहीं, यह त्योहार किसानों के लिए बहुत अहम होता है। किसान यह त्योहार अपनी अच्छी फसल होने व अच्छी उपज के लिए मनाते हैं। नई फसल के आने की खुशी में भी ओणम मनाया जाता है।

ओणम में बनने वाला विशेष व्यंजन

इस ओणम पर साध्या थाली बनाने की परंपरा है। इस थाली में 26 तरह के शाकाहारी व्यंजन बनाए जाते हैं, जिन्हें क्रमबद्ध तरीके से केले के पत्तों पर परोसा जाता है। ओणम पर खास तौर पर चावल, नारियल के दूध और गुड़ डालकर खीर बनाई जाती है।

ओणम पर्व से जुड़ी अहम बातें

  • 12 अगस्त से शुरू होकर ओणम एक माह तक यानी 23 अगस्त 2021 तक चलेगा। जिसका मुख्य पर्व 21 अगस्त को मनाया जाएगा।
  • केरल में स्थित त्रिक्काकरा मंदिर इकलौता ऐसा मंदिर है जहां से इस पर्व को मनाने की शुरुआत होती है।
  • ओणम के मौके पर पकवान बनकर तैयार होते हैं। पर शर्त ये भी होती है कि पकवानों की संख्या 20 से कम न हों।
  • रंगोली बनाने की परंपरा तो वैसे अनेक पर्वों में होती है। पर ओणम पर बनाई जाने वाली रंगोली उन सबमें सबसे अलग होती है। क्योंकि इसमें रंगों इस्तेमाल नहीं होता, बल्कि ये रंगोली सिर्फ फूलों से सजती है।
  • इस रंगोली के चारों तरफ नृत्य करने की परंपरा भी है। तिरुवथिरा कलि नाम के इस नृत्य को आमतौर पर घर की कन्याएं ही करती हैं।
  • खास बात ये है कि पूकलम कहलाने वाली रंगोली में प्रतिदिन एक गोला बढ़ा दिया जाता है। इस तरह छोटी सी रंगोली ओणम खत्म होते होते बड़े पूकलम का रूप ले लेती है।
  • इस रंगोली का ओणम पर खास महत्व होता है। इसी के बीच में भगवान विष्णु के वामन अवतार, राजा बलि और उनके अंगरक्षकों की मूर्तियां स्थापित की जाती हैं। इस पर्व के लिए खासतौर से कच्ची मिट्टी से ये मूर्तियां बनाई जाती हैं।
  • केरल का प्रसिद्ध पुलि कलि जिसे टाइगर डांस कहा जाता है और कुम्मातीकलि जिसमें मास्क लगाकर डांस किया जाता है। वो इसी पर्व पर होता है।