चमकी बुखार क्या है जानें इसके लक्षण और इलाज | बिहार में चमकी बुखार होने का मुख्य कारण

Acute Encephalitis Syndrome: बिहार के गोपालगंज जिले में चमकी बुखार(Chamki bukhar) का कहर शुरू हो गया है। सोमवार को अलग-अलग जगहों से तीन मरीजों को सदर अस्पताल में लाया गया, जिसमें एक मरीज को मुजफ्फरपुर रेफर किया गया, जबकि दो मरीज निजी अस्पतालों में दिखाने के लिए चले गए। सदर अस्पताल से जिस मरीज को रेफर किया गया वह सिवान के मुमताज आलम की डेढ़ साल की पुत्री खुशबू निशा बताई जा रही है।

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ अग्रवाल ने बच्ची की जांच करने के बाद बेहतर इलाज के लिए रेफर किया। अस्पताल प्रबंधक सिद्धार्थ कुमार ने कहा कि पीकू वार्ड में एक बच्ची भर्ती थी जिसे रेफर कर दिया गया। इसके पहले रविवार को बैकुंठपुर के दिघवा के बच्चे को रेफर किया गया था। वहीं, निजी क्लिनिक से सदर अस्पताल में पहुंचे दो अन्य बच्चों का नाम व पता दर्ज नहीं किया गया था।

सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने कहा कि सभी अस्पतालों के चिकित्सा पदाधिकारियों को अलर्ट करते हुए डॉक्टर व कर्मियों की छुट्टियां रद्द की जा रहीं हैं। सिविल सर्जन ने कहा कि गोपालगंज में एईएस (AES) aes syndrome के लक्षण मिलने के बाद एहतियातन अस्पताल को अलर्ट पर रखा गया है।

चमकी बुखार क्या है?(Chamki bukhar kya hota hai)

Chamki bukharचमकी बुखार वास्तव में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम aes syndrome in Hindi (एईएस ) है। इसे दिमागी बुखार भी कहा जाता है। यह इतनी खतरनाक और रहस्यमयी बीमारी है कि अभी तक विशेषज्ञ भी इसकी सही-सही वजह का पता नहीं लगा पाए हैं। चमकी बुखार में वास्तव में बच्चों के खून में सुगर और सोडियम की कमी हो जाती है। सही समय पर उचित इलाज नहीं मिलने की वजह से मौत भी हो सकती है।

यह एक संक्रामक बीमारी है। चमकी बुखार के वायरस जब शरीर में पहुंचते हैं और खून में शामिल हो जाते हैं, तो इनका प्रजनन शुरू हो जाता है। इसके बाद इनकी संख्या तेजी से बढ़ने लगती है।

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खून के साथ बहकर बीमारी ये वायरस मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं। मस्तिष्क में पहुंचने पर ये वायरस कोशिकाओं में सूजन का कारण बनते हैं और शरीर के ‘सेंट्रल नर्वस सिस्टम’ को खराब कर देते हैं।

चमकी बुखार के लक्षण क्या है(chamki bukhar ke lakshan)

  • चमकी नाम की बीमारी में शुरुआत में तेज बुखार आता है।
  • इसके बाद बच्चों के शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है।
  • इसके बाद तंत्रिका तंत्र काम करना बंद कर देता है।
  • बहुत ज्यादा थका हुआ महसूस होना और नींद आना।
  • इस बीमारी में ब्लड शुगर लो हो जाता है।
  • बच्चे तेज बुखार की वजह से बेहोश हो जाते हैं और उन्हें दौरे भी पड़ने लगते हैं।
  • जबड़े और दांत कड़े हो जाते हैं।
  • बुखार के साथ ही घबराहट भी शुरू होती है और कई बार कोमा में जाने की स्थिति भी बन जाती है।
  • अगर बुखार के पीड़ित को सही वक्त पर इलाज नहीं मिलता है तो मौत भी हो सकती है।
  • पीठ में तेज दर्द और कमजोरी
  • चलने में परेशानी होना या लकवा जैसे लक्षणों का प्रकट होना।
  • सिर में लगातार हल्का या तेज दर्द।

चमकी बुखार होने का मुख्य कारण Chamki bukhar kaise hota hai (Encephalitis syndrome causes)

  • बच्चों के शरीर में पानी की कमी
  • घर में साफ-सफाई की कमी
  • बच्चों को धूप में निकलना
  • भूखे पेट रहना और रात में सोना
  • बासी भोजन व खुले में बिक रहे सामान खाना
  • बार-बार स्नान करना और बारिश में नहाना
  • साफ-सुथरा व सूखा कपड़ा नहीं पहनाना
  • बुखार होने पर डॉक्टर से सलाह के बिना खुद से दवा देना

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अगर चमकी बुखार हो जाए तो क्या करें?

  • बच्चों को पानी पिलाते रहे, इससे उन्हें हाइड्रेट रहने और बीमारियों से बचने में मदद मिलेगी।
  • तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछें।
  • पंखे से हवा करें या माथे पर गीले कपड़े की पट्टी लगायें ताकि बुखार कम हो सके।
  • बच्‍चे के शरीर से कपड़े हटा लें एवं उसकी गर्दन सीधी रखें।
  • बच्चों को डॉक्टर की सलाह से गोली व सीरप दें।
  • अगर बच्चे के मुंह से लार या झाग निकल रहा है तो उसे साफ कपड़े से पोछें, जिससे सांस लेने में दिक्‍कत न हो।
  • बच्‍चों को लगातार ओआरएस का घोल पिलाते रहें।
  • तेज रोशनी से बचाने के लिए मरीज की आंख को पट्टी से ढंक दें।
  • बेहोशी व दौरे आने की अवस्‍था में मरीज को हवादार जगह पर लिटाएं।
  • चमकी बुखार की स्थिति में मरीज को बाएं या दाएं करवट लिटाकर डॉक्टर के पास ले जाएं।

चमकी बुखार का इलाज (Chamki bimari ka ilaaz)

  • जैसे ही चमकी बुखार के लक्षण दिखाई पड़े वैसे ही बच्चे को मीठी चीजें खाने के लिए दें।
  • बच्चे को धूप में जाने से रोकें।
  • बच्चा तेज धूप के संपर्क में आया तो उसे डिहाईड्रेशन की समस्या होगी, जिससे बीमारी की गंभीरता बढ़ती है।
  • गर्मी के समय बच्‍चों को ओआरएस अथवा नींबू-पानी-चीनी का घोल पिलाएं।
  • रात में बच्‍चों को भरपेट खाना खिलाकर ही सुलाएं।
  • चीनी-नमक का घोल, छाछ, शिकंजी के अलावा तरबूज, खरबूज, खीरे जैसी चीजों का खूब सेवन करें।

बिहार में चमकी बुखार होने का मुख्य कारण (Encephalitis syndrome causes in bihar)

  • बिहार में जिन बच्चों को चमकी बुखार शिकार बना रहा है, उनमें से ज्यादातर बच्चे गरीब परिवारों से हैं।
  • गरीबी की वजह से ये बच्चे कुपोषण का शिकार हैं।
  • खाने-पीनेकी उचित व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण ये बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर हैं।
  • इन बच्चों का इम्यून सिस्टम (वायरस और बैक्टीरिया से फैलने वाले रोगों से शरीर को बचाने वाला सिस्टम) भी बहुत कमजोर है।
  • ऐसे मे चमकी बुखार के वायरस से ये बच्चे जल्दी प्रभावित होते हैं। इन बच्चों का ब्लड शुगर बहुत जल्दी गिर जाता है और इलाज नहीं मिल पाने की वजह से इनकी मौत हो जाती है।