International literacy Day 2021: किसी भी देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए सबसे जरूरी है वहां के लोगों की साक्षरता। इसके बिनी कोई भी देश विकास नहीं कर सकता। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन ने विश्व साक्षरता दिवस (International Literacy Day) का गठन किया। यूनेस्को ने 17 नवंबर, 1965 के दिन 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस (Antar rashtriya saksharta diwas in Hindi) मनाने का फैसला लिया था। इसके अगले साल यानी साल 1966 में पहला विश्व साक्षरता दिवस World literacy Day मनाया गया था। इसके बाद से ये दिन हर देश मनाता आ रहा है।आइए जानते हैं इस दिवस से जुड़ी खास बातें, जैसे कि- इसका इतिहास इसे क्यों मनाया जाता है, इसका महत्व क्या है और इससे समाज में क्या बदलाव आया है।
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International Literacy Day 2021 ka itihaas (विश्व साक्षरता दिवस का इतिहास)
8 सितंबर यानि विश्व साक्षरता दिवस। विश्व में शिक्षा के महत्व को दर्शाने और निरक्षरता को समाप्त करने के उद्देश्य से 17 नवंबर 1965 को यह निर्णय लिया गया, कि प्रत्येक वर्ष 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस के रूप मे मनाया जाएगा।
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अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस क्यों मनाया जाता है(Antar rashtriya saksharta Divas kyun manaya jata hai)
World literacy Day का महत्व क्या है?
सफलता और जीने के लिये खाने की तरह ही साक्षरता भी महत्वपूर्णं है। World literacy Day का महत्व गरीबी को मिटाना, बाल मृत्यु दर को कम करना, जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना, लैंगिक समानता को प्राप्त करना आदि को जड़ से उखाड़ना बहुत जरुरी है। साक्षरता में वो क्षमता है जो परिवार और देश की प्रतिष्ठा को बढ़ा सकता है। ये उत्सव लगातार शिक्षा को प्राप्त करने की ओर लोगों को बढ़ावा देने के लिये और परिवार, समाज तथा देश के लिये अपनी जिम्मेदारी को समझने के लिये मनाया जाता है।
International literacy Day 2021 साक्षरता दिवस से समाज में क्या बदलाव आया है
अगर हम आजादी से वर्तमान साक्षरता दर का आंकलन करें तो स्थिति थोड़ी बेहतर नजर आती है। आजादी के बाद से देश में साक्षरता दर में 57 फीसदी की वृद्धि हुई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश शासन के दौरान देश में सिर्फ 12 फीसदी लोग ही साक्षर थे।
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भारत की साक्षरता (India’s Literacy)
भारत की कुल साक्षरता 74.4% है। जिसमें सबसे ज्यादा साक्षरता वाला राज्य केरल है जहां 93% जनसंख्या साक्षर है। जिसमें पुरुष साक्षरता 96% है और महिला साक्षरता 92% है।
सबसे कम साक्षरता वाला राज्य बिहार है जिसकी साक्षरता 63.82% है। इसी लिए बिहार सबसे पिछड़ा राज्य है। उत्तर प्रदेश राज्य भी पाँच सबसे कम राज्यों में शामिल है।
विश्व साक्षरता दिवस थीम (World Literacy Day Theme)
वे सभी लोग शिक्षा के प्रति जागरूक हो जो अभी तक इससे नही जुड़ पाए हैं। उचित तरीके से प्राप्त की गई शिक्षा व्यक्ति को न ज्ञान देती हैं बल्कि उन्हें नौकरी व् व्यवसाय को अच्छे तरीके से करने के योग्य भी बनाती हैं।
सरकारों ने हर वर्ष आयोजित साक्षरता दिवस पर आकर्षक थीम के जरिये लोगों का ध्यान इस तरफ आकर्षित करने का प्रयत्न किया हैं। पिछले कुछ वर्षो में साक्षरता दिवस की थीम इस प्रकार रखी गई।
- 2006 की विश्व साक्षरता दिवस की थीम “साक्षरता एवं सतत सोसायटी”
- 2008 की विश्व सारक्षता दिवस की थीम “साक्षरता और सतत विकास”
- 2009 की विश्व साक्षरता दिवस की थीम “स्वास्थ्य और साक्षरता”
- 2009-2010 के लिए लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान देते हुए “साक्षरता और अधिकारिता”, विषय रखा गया था।
- 2011-2012 का विषय वस्तु “साक्षरता और शांति”
- शिक्षा से सामाजिक सुधार, आर्थिक वृद्धि और पर्यावरण सुरक्षा
- 2014 -2015 की विश्व साक्षरता दिवस थीम “सशक्तिकरण और साक्षरता” महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के अधिकार की बात की गयी।
- 2016 की विश्व साक्षरता दिवस की थीम “साक्षरता और लैगिक समानता” था। जिसका लक्ष्य लैंगिक अन्तर को दूर करना और शिक्षा को बढ़ावा देना था।
- 2019 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए थीम “साक्षरता और बहुभाषावाद (Literacy and Multilingualism)” था। जिसका लक्ष्य बहुभाषा का ज्ञान और प्रचार करना था।
- वर्ष 2020 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के लिए थीम “COVID-19 संकट और उससे परे साक्षरता शिक्षण और शिक्षा (Literacy teaching and learning in the COVID-19 crisis and beyond)” था।
International Literacy Day slogan in Hindi
- दीपक से दीपक जलाएगे, देश को साक्षर बनाएगे।(deepak se deepak jalaege, desh ko saakshar banaege.)
- शिक्षा तो वह बत्ती हैं, जहाँ जलती हैं अँधेरा कभी नही रहता। (shiksha to vah battee hain, jahaan jalatee hain andhera kabhee nahee rahata.)
- जो अशिक्षित रह जाता हैं, जीवन भर पछताता हैं।(jo ashikshit rah jaata hain, jeevan bhar pachhataata hain.)
- शिक्षा की जिम्मेदारी, यही है समझदारी।(shiksha ki jimmedari yahi hai samajhdar)
- इस जमाने में न करें यह भूल, हर बच्चे को भेजो स्कूल कोई बच्चा न छूटे इस बार, शिक्षा है सबका अधिकार (is jamane mein Na Karen yah bhul her bacche ko bhejen school, koi baccha na chhut is bar shiksha hai sabka adhikar)