जानिए कैसे हुई देश के सबसे बड़े बैंक SBI की शुरुआत ? 200 साल पुराना है इतिहास ,पहले था नोट छापने का अधिकार

History of SBI Bank : देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का इतिहास 200 साल से भी ज्यादा पुराना है। आज इसे भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India) के नाम से जाना जाता है, लेकिन पहले इसका नाम इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया (Imperial Bank of India) हुआ करता था। इस बैंक की नींव ब्रिटिश शासन काल के दौरान रखी गई थी और आज यह फॉर्च्यून 500 कंपनी बन चुका है। आइए जानते हैं History of SBI Bank in hindi के बारे में विस्तार से आर्टिकल को नीचे पूरा पढ़ें।

1806 में पड़ी थी एसबीआई की नींव History of SBI Bank

History of SBI Bank

SBI की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी पर नजर डालें तो भारतीय स्टेट बैंक की नींव 19वीं शताब्दी के पहले दशक में 2 जून 1806 को कलकत्ता में रखी गई थी। ब्रिटिश राज में उस साल बैंक ऑफ कलकत्ता (Bank of Calcutta) की स्थापना की गई थी। स्थापना के तीन साल बाद बैंक को अपना चार्टर प्राप्त हुआ और 2 जनवरी 1809 में इसे बैंक ऑफ बंगाल (Bank of Bengal) नाम दे दिय गया। एक अनूठी संस्था मानी जाती थी, जो बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित ब्रिटिश भारत का पहला संयुक्त स्टॉक बैंक था।

इसे भी पढ़ें: Saving Bank Account बंद कराने में भूल कर भी ना करें ये 5 गलतियां, हो सकता है बड़ा नुकसान

तीन बैंकों के विलय से बना इम्पीरियल बैंक

History of SBI Bank

 

इसके बाद इसका विस्तार शुरू हो गया। दरअसल, उसी दशक में (History of SBI Bank) 15 अप्रैल 1840 में मुंबई में बैंक ऑफ बॉम्बे की स्थापना हुई, जबकि 1 जुलाई 1843 में बैंक ऑफ मद्रास शुरू हुआ। हालांकि, इन तीनों बैंकों में पूंजी भले ही निजी क्षेत्र रहती थी, लेकिन इन्हें खासतौर पर ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) के लिए खोला गया था। इसके बाद 27 जनवरी 1921 में बैंक ऑफ मुंबई और बैंक ऑफ मद्रास का बैंक ऑफ बंगाल में विलय कर दिया गया और तीनों बैंक को मिलकार इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया (Imperial Bank of India) सामने आया।

पेपर करेंसी छापने का अधिकार

इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया बनने से पहले यानी विलय से पहले लंबे समय तक तीनों बैंक भारत में स्वतंत्र रूप से काम कर रहे थे। 1823 में ये तीनों बैंक सरकार के नियंत्रण में आ गईं। 1861 से पहले इन तीनों बैंकों को करेंसी छापने का अधिकार भी था। ये अधिकार इन्हें पेपर करेंसी एक्ट 1861 के तहत दिया गया था। विलय के बने इम्पीरियल बैंक ने ब्रिटिश काल में अपना काम जारी रखा।

आजादी के बाद अस्तित्व में आया SBI

देश को ब्रिटिश शासन की गुलामी से आजादी मिलने तक इम्पीरियल बैंक अस्तित्व में रहा। आजाद भारत में साल 1955 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया को पार्लियामेंटरी एक्ट के तहत अधिग्रहित कर लिया। ऐसा करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्ट 1955 लाया गया था। 30 अप्रैल 1955 को बड़ा बदलाव किया गया और इम्पीरियल बैंक का नाम बदलकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank Of India) कर दिया गया।

इसे भी पढ़ें: Post Office MIS Scheme : पोस्ट ऑफिस में मिल रही है ये धांसू स्कीम , 10 साल से बड़े बच्चों का खोलें अकाउंट, हर महीने मिलेंगे 2500 रुपये

आजाद भारत में नया नाम मिलने के बाद 1 जुलाई 1955 को आधिकारिक रूप से SBI की स्थापना की गई। इम्पीरियल बैंक के देश में संचालित सभी 480 ऑफिस एसबीआई के ऑफिस बन गए। इनमें ब्रांच ऑफिस, सब ब्रांच ऑफिस और तीन लोकल हेडक्वाटर मौजूद थे। इसी साल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक्ट पारित हुआ। अक्टूबर 1955 को स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद SBI का पहला सहयोगी बैंक बना फिर 10 सितंबर 1959 को THE STATE BANK OF INDIA (SUBSIDIARY BANKS) ACT, 1959 पारित किया गया।

2017 में विलय के बाद विस्तार 

साल 2017 में एसबीआई में स्‍टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (SBBJ), स्‍टेट बैंक ऑफ मैसूर (SBM), स्‍टेट बैंक ऑफ त्रवाणकोर (SBT), स्‍टेट बैंक ऑफ पटियाला (SBH) और स्‍टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (SBH) का विलय कर दिया गया। यह विलय 1 अप्रैल 2017 को हुआ। विलय के बाद SBI एक विश्‍व स्‍तरीय बैंक बन गया। इसकी 22,500 शाखाएं और 58,000 एटीएम का विशाल नेटवर्क गया। इसके साथ ही बैंक का ग्राहक आधार भी 50 करोड़ के आंकड़े को पार कर गया। विलय के बाद सहयोगी बैंकों के अधिकारी और कर्मचारी एसबीआई के कर्मचारी बन गए।

इसे भी पढ़ें: SBI से लोन लेना हुआ महंगा, बैंक ने सभी तरह के कर्ज पर ब्याज दरों में की बढ़ोतरी, पुराने ग्राहकों पर पड़ेगा अधिक बोझ

1 जुलाई को मनाया जाता है SBI का स्थापना दिवस – History of SBI Bank in hindi 

1 जुलाई 1955 को इम्पीरियल बैंक (Imperial Bank) का नाम बदलकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) रखे जाने के बाद से ही हर साल पहली जुलाई को एसबीआई की देश-विदेश की शाखाओं में बैंक का स्थापना दिवस मनाया जाता हैं। एसबीआई मुनाफे, जमा, संपत्ति, संपत्ति, ब्रांच और कस्टमर्स के लिहाज से सबसे बड़ा व्यावसायिक बैंक है।

SBI दुनिया के बड़े बैंकों की लिस्ट में 43वें नंबर पर

आजादी से पहले शुरू हुए इस बैंक का दायरा अब बहुत बड़ा हो चुका है। SBI दुनिया के बड़े बैंकों की लिस्ट में 43वें नंबर पर है और फॉर्च्यून ग्लोबल 500 लिस्ट में शामिल एकमात्र भारतीय बैंक है। इसके अलावा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड टॉप-10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शामिल है। मार्केट कैप की बात करें तो देश के इस सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) का MCap बीते सप्ताह 7,273.55 करोड़ रुपये बढ़कर 5,01,206.19 करोड़ रुपये हो गया है।