गेहूं के बाद अब चीनी बेचने पर भारत सरकार की पाबंदी, पड़ोसी देशों पर पड़ेगा इसका भारी असर, जानिए एक्सपोर्ट पर क्यों पाबंदी लगा रही है भारत सरकार

Sugar Export can be Limited soon: घरेलू बाजार में चीनी (Sugar) की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार एक बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है। आपको बता दें कि फिलहाल दुनिया में सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन (Sugar Production) भारत में होता है। लेकिन निर्यात (Sugar Export) के मामले में भारत का नंबर दूसरा है। फिलहाल भारत से ज्यादा ब्राजील ही है जो चीनी को निर्यात करता है। भारत सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, भारत सरकार घरेलू कीमतों में उछाल को रोकने के लिए पिछले 6 साल में पहली बार चीनी निर्यात को प्रतिबंधित करने की योजना बना रही है। आइए जानते हैं क्यों लगा रही है चीनी बेचने पर भारत सरकार की पाबंदी ।

चीनी बेचने पर भारत सरकार की पाबंदी Sugar Export can be Limited soon

चीनी बेचने पर भारत सरकार की पाबंदी

एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सीजन भारत सरकार चीनी निर्यात को नियंत्रित कर सकती है और 10 मिलियन टन ही चीनी निर्यात को मंजूरी दे सकती है। आपको बता दें कि, भारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक और ब्राजील के बाद दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है, लिहाजा अगर भारत चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगाता है, तो पूरी दुनिया पर इसका व्यापक असर पड़ेगा। वहीं, इस खबर के बाद दलाल स्ट्रीट पर चीनी के शेयरों में 5 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है।

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चीनी के घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने की कोशिश

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया कि, ‘सरकार निर्यात की निगरानी करना चाहती है ताकि वे 10 मिलियन टन के जादुई आंकड़े को पार न करें। जहां तक एक करोड़ टन का सवाल है, हमें बहुत गंभीर संदेह है कि क्या वास्तव में 10 मिलियन टन का आंकड़ा पार किया जाएगा या नहीं। उन्होंने बताया कि, ‘सबसे पहले, आज तक केवल 7.2 मिलियन टन ही चीनी का निर्यात किया गया है और एक बार बारिश का मौसम शुरू होने के बाद ऑटोमेटिक तौर पर निर्यात कमी आ जाएगी, लिहाजा 10 मिलियन टन चीनी के निर्यात का आंकड़ा अभी काफी दूर है’।

भारत विश्व का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश

वहीं आपको वभारत दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादन देश है, मगर चीनी निर्यातक देशों में भारत का स्थान ब्राजील के बाद आता है और चालू वित्त वर्ष में 18 मई तक भारत ने 7.5 मिलियन टन चीनी का निर्यात किया है। आपको बता दें कि, चीनी निर्यात का वित्तवर्ष एक साल के सितंबर से अगले साल का अक्टूबर माना जाता है। खाद्य मंत्रालय ने पहले एक बयान में कहा था, ‘मौजूदा चीनी सीजन 2021-22 में चीनी का निर्यात चीनी सीजन 2017-18 में निर्यात की तुलना में 15 गुना अधिक है’। वहीं, भारत, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया और अफ्रीकी देशों को चीनी निर्यात करता है। इससे पहले भारत ने साल 2017-18 में 6.2 मिलियन टन, साल 2018-19 में 3.8 मिलियन टन और साल 2019-20 में करीब 6 मिलियन टन चीनी का निर्यात किया था।

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खाद्य बाजार में भारी महंगाई

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद भोजन की कीमतें आसमान छू गई हैं और दुनिया भर की सरकारों ने कुछ वस्तुओं की घरेलू कीमतों की में बेतहाशा बढ़ोतरी रोकने के लिए कुछ ना कुछ उपाए किए हैं या कर रहे हैं। मलेशिया 1 जून से एक महीने में 3.6 मिलियन से ज्यादा मुर्गियों के निर्यात को रोक देगा, वहीं, इंडोनेशिया ने हाल ही में अस्थायी रूप से ताड़ के तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, वहीं, भारत ने गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया है, तोर सर्बिया और कजाकिस्तान ने भी अनाज शिपमेंट पर कोटा लगाया है।

 भारत ने कुछ दिनों पहले ही लगा था गेंहू एक्सपोर्ट पर बैन

गौरतलब है कि अभी कुछ दिनों पहले ही सरकार ने घरेलू जरूरतों को देखते हुए गेहूं के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था। ऐसे में चीनी पर एक्सपोर्ट नियंत्रण का फैसला भी मार्केट पर बड़ा असर डाल सकता है।

 

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