अगर आप भी बार-बार आंखों के फड़कने से हो रहे हैं परेशान तो जानिए आँख फड़कना कैसे रोके और इसके मुख्य कारण

आंखों के फड़कने का मतलब है कि न चाहते हुए भी पलकें अपने आप झपकने लगती हैं। ऐसा दिन में कई बार हो सकता है। वैसे, तो कुछ समय बाद यह अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन, यह भी देखा जाता है कि कुछ लोगों की आंखें लंबे समय तक और निरंतर फड़कती रहती है। अगर लंबे समय तक आंखें फड़कती हैं, तो यह एक गंभीर चिंता का विषय हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें, तो निरंतर आंखें फड़कने से असहजता हो सकती है और आंखों की रोशनी भी कमजोर हो सकती है।

शारीरिक अंगों के साथ होने वाली हर छोटी से छोटी एक्टिविटी को भारत में अंधविश्वास के साथ जोड़कर देखा जाता है। इंसान की आंख फड़कना भी इन्हीं में से एक है। हम भारतीयों की भी बायीं या दायीं आंखों के फड़कने को लेकर अपनी अलग अलग मान्यताएं हैं। तो क्या है आंख फड़कने की असली वजह आइए जानते हैं।

आंखे क्यों फड़कती है?

आँख फड़कना कैसे रोके

चिकित्सकीय भाषा में ‘मायोकिमिया’ के रूप में जाना जाने वाला, पलकों का फड़कना पलकों की मांसपेशियों में बार-बार होने वाली ऐंठन के कारण होता है। अक्सर, यह आमतौर पर दर्द रहित होता है और किसी भी चीज़ की तुलना में अधिक परेशानी भरा होता है। कभी-कभी, ये कई दिनों, हफ्तों या महीनों तक बने रह सकते हैं, जिससे बहुत अधिक भावनात्मक अशांति पैदा होती है। आंख फड़कने का कारण निम्नालिखित हो सकते है जो इस प्रकार हैं जैसे

  •  तनाव
  • थकान
  • सूखी आंखें
  • शराब
  • एलर्जी
  • कैफीन
  • तंबाकू
  • नींद की कमी
  • आंख पर जोर
  • पोषण असंतुलन

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आँख फड़कना कैसे रोके

आप आंखों के फड़कने से हो रहे परेशान तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है नीचे बताए गए इन निम्नलिखित उपायों को अपनाकर आप इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं।

जितना सम्भव हो उतनी जोर से आँखें बंद कर लें या फिर आँखों को खोल कर यथासम्भव फैलायें। इस क्रिया को तब तक जारी रखें जब तक आँसू न निकलने लगे। यदि दर्द का एहसास हो या आँख और जोर से फड़कने लगे तो इस क्रिया को तुरंत रोक दें। इस क्रिया को जल्दी-जल्दी करने से आँख में आँसुओं की एक समतल परत बन जाती है। इसके कारण आँखों मे आर्द्रता, पलकों को आराम, आँख और चेहरे के मसल्स की वर्जिश तथा आँखों मे रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है जिससे समस्या से राहत मिलती है।

आंखों का अच्छे से मसाज करें

अपनी बीच वाली उंगली की सहायता से निचली पलक की गोलाई में मसाज करें। जिस आंख में फड़कन हो उसकी पलक का लगभग 30 सेकंड तक मसाज करें। किसी तरह के जलन या संक्रमण से बचने के लिए पहले अपने हाथों और चेहरे को साफ कर लें। इस विधि से अच्छे परिणाम मिलते हैं क्योंकि इससे रक्त प्रवाह बढ़ता है और साथ ही मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।

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इस कार्य को पर्याप्त गति से करें। कल्पना करें कि आपकी बरौनियां तितली के पंख हैं। पलकों का झपकना आपके आंखो के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह आंखो के अधिकांश मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है और साथ ही साथ पुतलियों को चिकनाई देता है और उनकी सफाई भी करता है जिससे फड़कना बंद हो सकता है। यदि दर्द का एहसास हो या आंख और जोर से फड़कने लगे तो इस क्रिया को तुरंत रोक दें।

आप महसूस करेंगे कि आपकी उपर वाली पलकें लगातार विभिन्न आयामों (amplitude) में कांप रही है। अब कपकपाहट को रोकने के अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करें।स्पष्ट रूप से देखने के लिए आंखो को समायोजित करने से आंखों पर कम तनाव पड़ता हैं। इससे आंखो के थकान के कारण होने वाले फड़कने की क्रिया को रोकने में सहायता मिल सकती है।

अपने आंखों को पूरे एक मिनट तक बंद रखें। इस अवधि में आपनी आंखों को जोर से नीचे और फिर उन्हें बिना वास्तव में खोले ढीला छोड़ दें। आँखें खोलने से पहले इस क्रिया को तीन बार दोहराएं। यह क्रिया आंसू का बनना बढ़ाता है ताकि आंखो के भीतर चिकनाई हो सके। आंखों के व्यायाम को न केवल उनका फड़कना रोकने के लिए प्रयोग कर सकते हैं बल्कि आंखो की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने के लिए भी कर सकते हैं।

ऊपर दिए गए चित्र के अनुसार अपने आंखों के इर्द-गिर्द ऐक्यूप्रेशर प्वाइन्ट्स तलाश करें। प्रत्येक प्वाइन्ट पर 5 से 10 सेकंड तक गोलाई में मसाज करें और उसके बाद क्रमशः अन्य प्वाइन्ट्स का। एक बार शृंखला पूरी हो जाए तो फिर से पहले प्वाइन्ट से शुरू करें। इस क्रिया को लगभग दो मिनट तक करें। समान ऐक्यूप्रेशर टेक्नीक के लिए अपने तर्जनी और मध्यमा (index and middle fingers) को अपनी बरौनियों पर रखें। उसके बाद हल्के से दबाव डालते हुए आई-साकेट-बोन के बाहरी किनारे पर गोलाई में पाँच मिनट तक उनका मसाज करें।किसी तरह की जलन या संक्रमण से बचने के लिए पहले अपने हाथों और चेहरे को साफ कर लें।

बंद आंखों पर बारी-बारी से गुनगुने और ठंडे पानी का छींटा मारें। ठंडा पानी रक्त वाहिकाओं को संकुचित करेगा और गुनगुना पानी उन्हीं रक्त वाहिकाओं को फैलायेगा।यह प्रक्रिया रक्त प्रवाह को बढ़ाता है तथा आंखो में पहुंचने वाले रक्त-बहाव को भी बढ़ाता है जिससे आंखो के फड़कने में आराम मिल सकता है।उपरोक्त प्रक्रिया मे ठंडे पानी के छींटे मारने के स्थान पर आप, गुनगुने पानी का छींटा मारने से पहले, बर्फ के टुकड़ों को पलकों पर फिरा सकते हैं। इस प्रक्रिया को 7-8 बार दोहराएं।