bacho ka motapa kaise kam kare | बच्चे का वजन मोम जैसे पिघल कर घट जाएगा , बस रोजाना अपनाएं इन जरूरी टिप्स को

bacho ka motapa kaise kam kare : बचपन में अत्यधिक वजन बढ़ना (Weight Gain) एक गंभीर समस्या है, जो कि मोटापे में विकसित हो सकती है। बचपन में मोटापे से ग्रसित होने के कारण ना सिर्फ खतरनाक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, बल्कि बड़े होकर मोटापा कंट्रोल करने (Control Weight Gain) की संभावनाएं भी कम होने लगती हैं। अगर बचपन में ही अपनी आदतों या वजन बढ़ाने वाले कारणों को कंट्रोल नहीं किया गया, तो बड़े होकर कंट्रोल करना नामुमकिन हो जाता है।

बच्चों का वजन बढ़ने के कारण (Weight gain causes) उनमें आत्मविश्वास की कमी, विकास में बाधा, शारीरिक दर्द आदि दिक्कतें भी होने लगती हैं। जिसके कारण बच्चों को मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ता है। आइए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि किन कारणों से बच्चों का अत्यधिक वजन बढ़ने लगता है | बच्चों का मोटापा कैसे कम करें |बच्चों के पेट की चर्बी कैसे कम करें | Bacchon ka motapa kaise kam karen

बच्चों में मोटापा होने के कारण-bacho ka motapa kaise kam kare

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सभी बच्चे मोटापा का शिकार नहीं होते है। कुछ बच्चों का वजन औसत से अधिक होता है। शारीरिक विकास के दौरान बच्चे के शरीर में वसा का स्तर अलग होता है। डॉक्टर्स मोटापे की जांच के लिए बीएमआई के ग्रोथ चार्ट का इस्तेमाल करते हैं। वहीं जिन बच्चों के अभिभावक या परिवार के अन्य सदस्य मोटे होते हैं। उनमें वजन बढ़ने की संभावना सबसे ज्यादा है। बच्चों में मोटापा ( bacho ka motapa kaise kam kare) होने का प्रमुख कारण अधिक खाना और एक्सरसाइज नहीं करना है। मायोक्लिनिक के मुताबिक इन निम्नलिखित कारणों से बच्चों में मोटापे (weight loss Hindi) की समस्या (childhood obesity) हो सकती है जैसे

डायट 

स्नैक्स, चाट, फास्ट फूड, स्ट्रीट फूड और हाई कैलोरी फूड का सेवन बच्चों में मोटापे (obesity in kids) का मुख्य कारण होता है। इसके अलावा, टॉफी, मिठाई व सॉफ्ट ड्रिंक्स के कारण भी बच्चों का वजन अत्यधिक होने लगता है। इसलिए, बच्चों की डायट पर काफी ध्यान देना चाहिए। बच्चों को इन सभी चीजों से दूर रखना चाहिए।

पारिवारिक कारण

अगर बच्चे के माता-पिता या परिवार में लोगों को मोटापे की समस्या है, तो बच्चे का वजन बढ़ने का खतरा भी अधिक होगा baccho ka motapa kaise kam kare in hindi इसके पीछे पहला कारण आनुवांशिक होता है और दूसरा कारण यह है कि जिन बच्चों के घर में मोटापे से ग्रसित लोग हैं, वहां खराब जीवनशैली और हाई-कैलोरी फूड (high calorie foods) की मौजूदगी जरूर होगी। जिसके कारण बच्चों भी उसी जीवनशैली व फूड का शिकार हो सकते हैं।

मनोवैज्ञानिक कारण

कुछ बच्चों का वजन बढ़ने के पीछे तनाव जैसे मनोवैज्ञानिक कारण भी होते हैं। यह तनाव व्यक्तिगत हो सकता है या माता-पिता या परिवार से आ सकता है। तनाव के कारण कुछ बच्चों के अत्यधिक खाने या जीवनशैली खराब होने का खतरा रहता है, जो उसके वजन बढ़ने का मुख्य कारण भी हो सकता है।

दवाओं या हॉर्मोनल बदलाव बच्चों में मोटापे का कारण

कई बार कुछ दवाओं के सेवन करने से भी बच्चों का वजन बढ़ सकता है। इसके साथ ही शरीर में हॉर्मोनल चेंज भी वेट गेन के जिम्मेदार हो सकते हैं। अगर किसी दवा को लंबे समय तक खाने या बिना किसी कारण बच्चे का वजन बढ़ रहा है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। अत्यधिक वजन का बढ़ना आपके बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है।

व्यायाम ना करना

जो बच्चे खेलकूद में कम दिलचस्पी रखते हैं या फिर एक्सरसाइज नहीं करते हैं, वो पर्याप्त मात्रा में कैलोरी नहीं घटा पाते हैं। दिनभर बेड या सोफे पर पड़े रहकर मोबाइल चलाते रहना, टीवी देखना और खाना-पीना बच्चों में मोटापे का कारण बनता है।

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बच्चों का मोटापा कैसे कम करें baccho ka motapa kam karne ke tarike

फल खिलाएं 

बच्चों को जितना ज्यादा हो सके फल दे। ट्रॉपिकल फ्रूट जैसे केला, पाइनएप्पल, इनमें शुगर बहुत ज्यादा मात्रा में होता है इससे वजन बढ़ता है। इसकी बजाय आप कोशिश करें कि उन्हें सेब, अंगूर, संतरा, कीवी, बैरी आदि दे। इन सभी में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह आपके बच्चे का वजन को नियंत्रित भी रखेंगे साथ ही उन्हें जरूरी सभी पोषक तत्व भी प्रदान करेगा।

एवोकाडो

बढ़ती उम्र में अगर बच्चे फैट वाली चीजें खाते हैं तो यह उनके लिए ज्यादा नुकसानदायक नहीं होता है। आप उन्हें स्‍नैक्‍स में एवोकाडो दे सकते हैं। bacho ka motapa kaise kam kare एवोकाडो में फोलिक एसिड पाया जाता है जिससे बच्चे का पेट लंबे समय तक भरा रहता है और उसे भूख भी कम लगती है ,लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आप अपने बच्चों को सिर्फ आधा एवोकाडो ही दें। इस क्रीमी फ्रूट में फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है।

सब्जी और अंडा

फलों की तरह ही सब्जियों में भी फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह बच्चों के विकास में मदद करती हैं और उनके वजन को नियंत्रित भी रखती हैं। इसके साथ ही बच्चों के दिन की शुरुआत अंडे के साथ कर सकते हैं इसमें भी प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

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चकोतरा

ये चकोतरा एक ऐसा फ्रूट है जो वजन को कम करने में मदद करता है। यह स्वादिष्ट तो होता ही है लेकिन इसमें कैलोरी बहुत कम मात्रा में होती है।चकोतरा इंसुलिन की मात्रा को कम करने में भी मदद करता है। यह मेटाबॉलिज्म को अच्छा बनाए रखता है। इसके साथ ही बहुत से क्रॉनिक डिजीज से लड़ने में भी चकोतरा मदद करता है।

ब्रोकली और हरी पत्तेदार सब्जी खिलाएं

अधिकतर बच्चे ब्रोकली से दूर भागते हैं। ब्रोकली और हरी पत्तेदार सब्जी सेहत के लिए बहुत ज्यादा अच्छी होती हैं। यह कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं इनमें फाइबर बहुत ज्यादा पाया जाता है और कैलोरी बहुत कम होती है।कोशिश करें कि हर दूसरे दिन अलग-अलग तरीके से ब्रोकली खिलाएं। ब्रोकली के साथ-साथ आप पालक जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां उन्हें दे सकती हैं। इनमें विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

बच्चों का मोटापा कम करने के लिए जरूरी टिप्स- baccho ka weight loss karne ke liye daily routine

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बच्चों का मोटापा कैसे दूर करें उसके लिए यहां जरूरी टिप्स वताया गया है इन टिप्स को अपनाकर आप अपने वच्चे को मोटापे से बचा सकते हैं।

  • फास्ट फूड खिलाने के बजाय, फल और सब्ज़ियाँ ज़्यादा खिलाइए।
  • सॉफ्ट-ड्रिंक, शरबत और ज़्यादा मीठे और चिकनाईवाले नाश्‍ते पर रोक लगाइए। इसके बजाय, बच्चों को पानी या बिना मलाईवाला दूध और पौष्टिक नाश्‍ता दीजिए।
  • खाना पकाने के ऐसे तरीके अपनाइए, जिनमें घी-तेल का ज़्यादा इस्तेमाल नहीं होता, जैसे सेंकना, भूनना या भाप में पकाना।
  • bacho ka motapa kaise kam kare खाना कम परोसिए।
  • कोई काम कराने और इनाम देने के नाम पर खाने की चीज़ें मत दीजिए।
  • बिना नागा बच्चे को सुबह का नाश्‍ता ज़रूर कराइए। अगर वह नाश्‍ते से चूक गया तो बाद में दुगना खाना खा सकता है।
  • साथ बैठकर खाना खाइए। टीवी या कंप्यूटर के सामने खाने से एक व्यक्‍ति को इसका अंदाज़ा नहीं लगता कि उसने कितना खा लिया है।
  • कसरत करने का बढ़ावा दीजिए, जैसे साइकिल चलाना, गेंद से खेलना और रस्सी कूदना।
  • ज़्यादा देर तक टीवी देखने, कंप्यूटर का इस्तेमाल करने या वीडियो गेम खेलने की इज़ाजत मत दीजिए।
  • पूरा परिवार मिलकर कहीं बाहर घूमने की योजना बनाइए। जैसे कि चिड़िया घर देखना, पार्क में खेलना या तैराकी के लिए जाना।
  • बच्चे से कुछ मेहनत का काम अवश्य करवाइए।
  • कहानियों के जरिए बढ़िया खाना खाने और कसरत करने की सीख दीजिए।

FAQ:

Q: बच्चों का मोटापा क्यों बढ़ता है?

Ans: खाना और एक्सरसाइज नहीं करना है। फास्ट फूड, स्नैक्स, सोडा, सोफ्ट ड्रींक और मिठाई खाने से मोटापा तेजी से बढ़ता है। शारीरिक गतिविधियों में कमी और अंसतुलित खाने से बच्चों में मोटापा बढ़ता है। तनाव, बोरियत और नाकारत्मक के कारण बच्चों में मोटापा बढ़ने लगता है।

Q: जन्म के समय बच्चे का वजन कितना होना चाहिए?

Ns: जन्‍म के समय शिशु का नॉर्मल वेट 2.5 से 3.5 किलो के बीच होना चाहिए। नौ महीने यानि फुल टर्म में पैदा हुए 80 पर्सेंट बच्‍चों का वजन इतना ही होता है। इससे कम या ज्‍यादा वजन वाले बच्‍चे नॉर्मल होते हैं लेकिन डिलीवरी के बाद नर्स और डॉक्‍टर को बारीकी से यह देखना होता है कि इन बच्‍चों में कहीं कोई प्रॉब्‍लम तो नहीं है।

Q: 5 साल के बच्चे का वजन कितना होना चाहिए?

Ans: 5 साल के बच्चे का वजन लड़की हो तो 14.5kg लड़का हो तो 14.8kg

Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी बच्चों का मोटापा कैसे कम करें ये एक सामान्य ज्ञान पर आधारित है इसको इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरुर करें।