बिहार के इन 7 विश्वविद्यालयों को जल्द मिलेंगे नए कुलपति, इन योग्यताओं पर परख रही चयन कमेटी

राज्य के सात विश्वविद्यालयों को नए कुलपति जल्द मिलेंगे। राजभवन की ओर से गठित सर्च कमेटी द्वारा कुलपति पद के योग्य अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सर्च कमेटी ने योग्य अभ्यर्थियों का साक्षात्कार ले लिया है और चयनित अभ्यर्थियों के पैनल को अंतिम रूप दिया जा रहा है। कुलपति पद के लिए जिन नामों का चयन हो गया है उनसे संबंधित जांच रिपोर्ट आ गई है।

जांच दो स्तर पर कराई जाती है, जो चयनित होते हैं उनसे संबंधित जानकारी उनके विश्वविद्यालयों से मांगी जाती है कि उनके कार्यकाल में उनपर कोई केस तो नहीं दर्ज हुआ है, कोई आरोप तो नहीं लगे हैं।इसके अतिरिक्त संबंधित के बारे में विजिलेंस रिपोर्ट भी ली जाती है। राज्यपाल जांच रिपोर्ट के आधार पर चयनित व अनुशंसित अभ्यर्थियों के नाम पर संतुष्ट होंगे तब सरकार से भी उस पर सहमति ली जाएगी।

बिहार के इन विश्वविद्यालयों में होनी है नए कुलपति की नियुक्ति

बिहार के इन 7 विश्वविद्यालयों को जल्द मिलेंगे नए कुलपति
बिहार के इन 7 विश्वविद्यालयों को जल्द मिलेंगे नए कुलपति                         

तीन माह से प्रभारी कुलपतियों के जिम्मे सात विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक कार्य राजभवन सचिवालय से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में राज्य के कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वश्विद्यालय (दरभंगा), बीएन मंडल विश्वविद्यालय (मधेपुरा), बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर), पटना विश्वविद्यालय, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (पटना) और जय प्रकाश विश्वविद्यालय (छपरा) में 20 सितंबर से ही कुलपति के पद खाली हैं और प्रभारी कुलपतियों से काम चलाया जा रहा है।

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इस प्रकार देखा जाए तो करीब तीन माह से संबंधित विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपति नहीं हैं। ऐसे में प्रभारी कुलपतियों के जिम्मे ही विश्वविद्यालयों के तमाम प्रशासनिक कार्य है। ऐसे प्रभारी कुलपति कोई नीतिगत और वित्तीय मामले संबंधी स्वयं निर्णय नहीं ले सकते हैं और इसके लिए उन्हें राजभवन सचिवालय से आदेश लेकर ही कार्य करना पड़ता है।

विश्वविद्यालयों में शोध व नवाचार को बढ़ावा देने का निर्देश

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के आलोक में राजभवन सचिवालय ने सभी विश्वविद्यालयों में शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने का निर्देश कुलपतियों को दिया है। इसके लिए स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि यदि शोध कार्यों में गुणवत्ता विकास को लेकर नए सिरे से नीति निर्धारण करने की जरूरत है तो उसपर शीघ्रता से निर्णय लें, क्योंकि उच्च शिक्षा में शोध कार्य और नवाचार वृत्ति को विकसित करना नितांत आवश्यक है।

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विभिन्न शोध परियोजनाओं से बिहार के विद्यार्थी एवं शिक्षक काफी कम संख्या में लाभान्वित हो रहे हैं। इसलिए शोध परियोजनाओं में नवीन विषयों व क्षेत्रों को शामिल करें, जो रोजगारपरक भी हो। डाक्टरेट फेलोशिप, सिंगल फेलोशिप, विभिन्न रिसर्च प्रोग्राम्स तथा कैपिसिटी बिल्डिंग की विभिन्न परियोजनाओं के तहत बिहार के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को लाभ उठाना चाहिए।