बिहार के सभी जिले में खुलने जा रहा है मॉडल आवासीय विद्यालय, BPSC के जरिये होगी शिक्षकों की नियुक्ति, देखें डिटेल में

बिहार के सभी जिलों में जल्द ही खोला जाएगा एक-एक मॉडल आवासीय विद्यालय इसके लिए राज्य सरकार की ओर से पहल शुरू कर दी गयी है। ये स्कूल जमुई के सिमुलतल्ला विद्यालय की तर्ज पर खोले जाएंगे।

विद्यालय की स्थापना संबंधि सर्वे के लिए बिहार शिक्षा विभाग ने पटना के एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट को जिम्मेदारी दी है। राज्य सरकार का यह लक्ष्य है कि आगामी सत्र में कम से कम आधा दर्जन जिले में विद्यालय को आरंभ कर दिया जाए। इन स्कूलों में खास तर्ज पर शिक्षकों की बहाली भी की जाएगी। जबकि नामांकन प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर होगी।

Model awasiy Vidyalay शिक्षकों की नियुक्ति बीपीएससी के जरिये होगी

मॉडल आवासीय विद्यालय

जानकारी के मुताबिक इन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति बीपीएससी या अन्य आयोग के जरिये होगी। शिक्षकों की भर्ती का मापडंड वही रहेगा, जो जमुई के सिमुलतल्ला स्कूल में शिक्षक की भर्ती के लिए है। शिक्षकों का एक अलग कैडर बनाया जाएगा। इस कैडर में शामिल होने के लिए आयोग की परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा।

सूत्रों के मुताबिक इन विद्यालयों में शिक्षकों की बहाली सिमुलतला शिक्षा सोसायटी शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी सेवा शर्त तथा अनुशासन नियमावली 2021 के आधार पर होगी। शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए तीन साल का अनुभव और ललित कला के लिए कम से कम 55 प्रतिशत और ललित कला विषय में तीन साल का अनुभव अनिवार्य रहेगा।

इसे भी पढ़ें: SBI PO Recruitment 2023 | एसबीआई बैंक में निकली बंपर भर्ती, बिना परीक्षा होगा सिलेक्शन, जल्द करें आवेदन

मॉडल आवासीय विद्यालय में 12वीं तक की होगी पढ़ाई

मॉडल आवासीय विद्यालय में 12वीं कक्षा तक की पढ़ायी होगी। यहां पढ़ने वाले छात्रों को यूनिफार्म, किताब, कॉपी से लेकर सभी आवश्यक सुविधाएं राज्य सरकार अपने खर्च पर मुहैया कराएगी। प्रस्तावित मॉडल विद्यालय आश्रम पद्धति पर आधारित होगा, जिसमें शिक्षक एवं छात्र का अनुपात आदर्श होगा। यानी 30 छात्रों पर एक शिक्षक रहेंगे।

नामांकन के लिए छात्रों को पास करनी होगी परीक्षा

प्रस्तावित मॉडल विद्यालय में नामांकन के लिए छात्रों को एक प्रतियोगी परीक्षा पास करनी होगी। परीक्षा पांचवीं कक्षा के लिए निर्धारित पाठयक्रम के आधार पर होगी। परीक्षा दो स्तर पर ली जाएगी। प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा। प्रारंभिक परीक्षा 150 अंकों के लिए होगी। जिसमें हिंदी से 30 प्रश्न, विज्ञान से 25, समाजिक विज्ञान से 25, गणित विषय से 40 और अंग्रेजी में 30 अंक के सवाल पूछे जाएंगे।

इसे भी पढ़ें: Aadhar Center Registration 2023 | आधार सेंटर कैसे खोलें, जाने Step by Step आसान तरीका

परीक्षा के लिए निर्धारित समय सीमा 2.30 घंटे के लिए होगी। वहीं, मुख्य परीक्षा की बात करें तो इसमें गणित से 100 अंक, बौद्धिक क्षमता 50, हिन्दी 40, अंग्रेजी 40, विज्ञान 40 और सामाजिक विज्ञान से 30 अंक के सवाल पूछे जाएंगे। मुख्य परीक्षा की प्रथम पाली 150 अंक में 100 अंक गणित के दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होंगे, जबकि 50 अंक बौद्धिक क्षमता खंड से होगा।

कक्षा 6 के लिए 60-60 छात्र-छात्राओं का नामांकन होगा

आरक्षण लड़कों के लिए

  • GEN- 24
  • EWS- 6
  • SC- 11
  • ST- 1
  • EBC- 11
  • OBC- 7

आरक्षण लड़कियों के लिए

  • EWS- 6
  • SC- 9
  • ST- 1
  • EBC- 11
  • OBC- 7

FAQ

Q: मॉडल आवासीय विद्यालय क्या है

Ans: बोर्डिंग स्कूल मूल रूप से आवासीय विद्यालय हैं, जो घर से दूर रहने वाले छात्रों को शिक्षा और भोजन प्रदान करता है। “बोर्डिंग” शब्द को ‘रूम एंड बोर्ड’ के रूप में परिभाषित किया गया है जिसका अर्थ है आवास और भोजन।

Q: आवासीय विद्यालयों का उद्देश्य क्या है?

Ans: आवासीय विद्यालयों की प्रणाली के दो प्राथमिक उद्देश्य बच्चों को उनके घर, परिवारों, परंपराओं और संस्कृतियों के प्रभाव से दूर करना और प्रमुख संस्कृति में आत्मसात करना है।

Q: एक आवासीय विद्यालय एक नियमित स्कूल से अलग कैसे है?

Ans : बोर्डिंग स्कूलों में शिक्षक अपने छात्रों के लिए बहुत अधिक सुलभ होते हैं, क्योंकि वे एक सामान्य स्कूल के दिनों की तुलना में परिसर में होते हैं। छात्रों के पास एक-दूसरे तक अधिक पहुंच होती है, जिससे ऑफ-ऑवर के दौरान अधिक नियमित अध्ययन समूह बन सकते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top