वर्ल्ड डायबिटीज डे का क्या है इतिहास?

वर्ल्ड डायबिटीज डे की शुरुआत 1991 में इंटरनेशनल डायबिटीज फाउंडेशन और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने की थी। इस दिन को मनाने के लिए 14 नवंबर को चुनने के पीछे एक खास वजह है। इस दिन को इसलिए चुना गया क्योंकि इस दिन सर फ्रेड्रिक बैंटिंग का जन्मदिवस है। इन्होंने डायबिटीज के इलाज के लिए इंसुलिन की खोज में बहुत अहम भूमिका निभाई थी। वर्ल्ड डायबिटीड डे को नीले रंग के लोगो से दर्शाया जाता है। इस चिन्ह को डायबिटीज अवेयनेस का प्रतीक भी माना जाता है।

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इस साल वर्ल्ड डायबिटीज डे 2023 का क्या थीम है- World Diabetes Day Theme 2023

डायबिटीज टाइप-2 और डायबिटीज से जुड़ी अन्य परेशानियों से बचाव के लिए, इस साल की थीम “एक्सेस टू डायबिटीज केयर” रखी है। इस थीम के जरिए सबको समान चिकित्सा मिल सके और इस बीमारी के बारे में सही जानकारी मिल सके, इस बात पर जोर दिया गया है। इस थीम की मदद से डायबिटीज टाइप-2 को रोकने या उससे वक्त पर पहचान कर, उसका सही इलाज करवाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने की कोशिश की जा रही है।

वर्ल्ड डायबिटीड डे ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, दुनिया भर में 10 में से 1 इंसान को डायबिटीज से पीड़ित है। जिनमें से 90% से अधिक को टाइप-2 डायबिटीज है। कई मामलों में, स्वस्थ आदतों को अपनाने और बनाए रखने से टाइप 2 डायबिटीज और इसकी जटिलताओं से बचा जा सकता है या रोका जा सकता है। रोकथाम, शीघ्र निदान और समय पर उपचार में सहायता मिल सके, इसलिए इसके जोखिम और बचाव के लिए क्या करना चाहिए, यह जानना महत्वपूर्ण है। डायबिटीज से बचाव में हेल्दी खाना और एक्टिव लाइफस्टाइल मददगार हो सकते हैं। इसलिए लोगों को अपने रहन-सहन और खान-पान पर ध्यान देने की आवश्यकता है। 

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आइए जानते है डायबिटीज के कुछ रिस्क फैक्टर्स