Indian Air Force Day | कैसे और कब हुई भारतीय वायुसेना दिवस मनाने की शुरुआत, आइए जानते हैं वायु सेना दिवस का इतिहास और इंडियन एयरफोर्स की ताकत

Indian Air Force Day 2022 : भारतीय वायुसेना के खेमे में आज स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान शामिल हो गए हैं। इस लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर का नाम ‘प्रचंड’ रखा गया है। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी की उपस्थिति में जोधपुर एयरबेस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इन हेलिकॉप्टरों को औपचारिक रूप से वायु सेना के बेड़े में शामिल किया। वायुसेना के बेड़े में इस समय दमदार लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ रही है। इन दमदार विमानों का प्रदर्शन लोगों को जल्द देखने को मिलेगा।

दरअसल देश हर साल भारतीय वायु सेना दिवस को एक वार्षिक उत्सव की तरह मनाता है। इस साल पहली बार वायुसेना गाजियाबाद से बाहर वायुसेना दिवस मनाने जा रही है। चंडीगढ़ में सुखना लेक पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और तीनों सेना प्रमुख समेत हजारों लोग शामिल होंगे। आइए जानते हैं कि Indian Air Force Day  in hindi कब है वायु सेना दिवस, क्यों और कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत।

भारतीय वायुसेना के बारे में जानें Indian Air Force Day 2022

Indian Air Force Day 2022

भारतीय वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है।  उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित हिंडन वायुसेना स्टेशन एशिया में सबसे बड़ा है। भारतीय वायुसेना के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक यह अपने ध्येय वाक्य ‘नभ: स्पृशं दीप्तम्’ के मार्ग पर चल रहा है। इसका अर्थ है ‘गर्व के साथ आकाश को छूना।’ वायु सेना के इस ध्येय वाक्य को भगवत गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। भारतीय वायुसेना का रंग नीला, आसमानी नीला और सफेद है।

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वायुसेना दिवस कब मनाया जाता है ?

भारतीय वायुसेना दिवस हर साल 8 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन गाजियाबाद के हिंडन वायुसेना स्टेशन पर कार्यक्रम का आयोजन होता है। जिसमें सेना के अधिकारी समेत कई दिग्गज शामिल होते हैं और आसमान में दमदार विमानों का प्रदर्शन किया जाता है।

भारतीय वायुसेना का इतिहास  History of Indian Air force day

भारत और पाकिस्तान के विभाजन से पहले भारतीय वायुसेना की स्थापना हो चुकी थी। 8 अक्टूबर, 1932 को औपनिवेशिक शासन के अधीन अविभाजित भारत में वायुसेना की स्थापना की गई। भारत की वायुसेना द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल हुई, जिसके लिए किंग जार्ज VI ने सेना को ‘रायल’ प्रीफिक्स से नवाजा था। हालांकि देश की आजादी के बाद जब भारत गणतंत्र राष्ट्र बना तो प्रीफिक्स को हटा दिया गया।

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वायुसेना दिवस कैसे मनाया जाता है ?

हिंडन में इस दिन पुरुष और महिला पायलटों की एक परेड आयोजित होती है। इस समारोह में वायुसेना प्रमुख सैन्य कर्मियों को पदक से सम्मानित करते हैं। इस साल चंडीगढ़ में कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल होने वाली हैं।

भारतीय वायु सेना की ताकत

भारत की आजादी के बाद से अब तक भारतीय वायुसेना कुल 5 युद्ध लड़ चुकी है। इसमें से चार जंग भारत पाकिस्तान के बीच हुईं और एक चीन के खिलाफ लड़ी गई। पाकिस्तान के खिलाफ 1948, 1965, 1971 और 1999 में भारतीय वायुसेना जंग में शामिल हुई। चीन के साथ 1962 के युद्ध में भी भारतीय वायुसेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और बालाकोट एयर स्ट्राइक भारतीय वायुसेना के कुछ प्रमुख ऑपरेशनों में शामिल हैं।