कान मे दर्द का घरेलू उपाय | Home Remedies for Ear Pain in Hindi

कानों में दर्द होना काफी असुविधाजनक और कष्टकारक होता  है। इस प्रकार के दर्द के कारण रोजाना का कामकाज भी प्रभावित हो सकता है। कानों में दर्द ईयरवैक्स जमने या फिर कुछ अन्य अंतर्निहित स्थितियों के कारण हो सकता है। आमतौर पर कुछ दर्द निवारक दवाओं के माध्यम से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है पर आपको बता दें कि कान मे दर्द का घरेलू उपाय भी बहुत है, हालांकि यदि आपको लगातार दर्द का अनुभव होता रहता है, तो इस बारे में किसी डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ही जरूरी है।

कान मे दर्द का घरेलू उपाय

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आपको लगातार कानों में दर्द की समस्या बनी रहती है तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें, क्योंकि यह कुछ अंतर्निहित समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। हालांकि सामान्य कान के दर्द में घरेलू उपचार पर भी ध्यान देना चाहिए। दर्द निवारक दवाओं का ज्यादा सेवन करना सेहत को नुकसान हो सकता है। हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि कान में दर्द क्यों होता है, कान में दर्द होने का कारण और कान में दर्द का घरेलू उपाय आर्टिकल को नीचे पूरा पढ़ें।

कान में दर्द क्यों होता है

सामान्य रूप से कान में दर्द किसी संक्रमण या जुकाम के कारण होता है लेकिन कभी-कभी कुछ अन्य कारणों से भी कान में दर्द की समस्या हो जाती है। कान के मध्य से लेकर गले के पीछे तक यूस्टेशियन ट्यूब होती है, यूस्टेशियन ट्यूब कान के बीच तरल पदार्थ का उत्पादन करती है इसलिए इसके अवरूद्ध होने पर तरल पदार्थ का निर्माण अधिक होने से यह कान के पर्दे पर दबाव डालकर कान में दर्द का कारण बनती है और उपचार न होने पर यह तरल पदार्थ संक्रमित होकर कान में संक्रमण पैदा करती है।

बच्चों में यह समस्या ज्यादातर तब देखी जाती है जब कान की नलिका को कॉटन या किसी तेज चीज से साफ करने पर चोट पहुँचती है। कईं बार कान में साबुन, शैम्पू या पानी चले जाने से भी दर्द होने लगता है। आमतौर पर कान में दर्द होना किसी गंभीर समस्या का संकेत नहीं है लेकिन यह बहुत ही पीड़ादायक होता है।

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कान में दर्द होने का कारण (Causes of Ear Pain in Hindi)

कान मे दर्द का घरेलू उपाय

कान में दर्द किसी एक वजह से नहीं होता है। इसके होने के पीछे बहुत सारे कारण होते हैं जैसे,

  • सर्दी और जुकाम अगर अघिक दिनों तक रहे तो इस कारण भी कान में दर्द हो सकता है।
  • कान के पर्दे के फटने या कान के पर्दे में छेद होने पर भी कान में दर्द हो सकता है इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे, कान में कोई वस्तु डालना, सिर पर गंभीर चोट, बहुत तेज आवाज, मध्य कान में संक्रमण होना।
  • ओटाइटिस मीडिया बच्चों में कान दर्द का एक आम कारण है। यह मध्य कान में होने वाला एक संक्रमण है। इसमें कान में बहुत तेज दर्द होता है। इसके अन्य लक्षणों में तेज बुखार, लगातार कान में दर्द, सुनने में कठिनाई होती है।
  • कान में पानी जाने की वजह से या वैक्स जमा होने की वजह से भी कान में दर्द होता है।
  • बच्चों में कान दर्द का सबसे आम कारण इंफेक्शन या कोल्ड है या फिर किसी तेज चीज से कान को साफ करने से भी दर्द हो जाता है।
  • कई बार नहाते समय साबुन या शैम्पू का पानी कान में चले जाने से भी कान में दर्द होता है
  • इयर बैरोट्राँमा ज्यादातर स्काइडाइविंगस्कूवा डाइविंग या हवाई जहाज की उड़ानों के दौरान अनुभव होता है,जैसे जब विमान लैंडिंग के लिए उतरता है तब वायुमंडलीय दबाव और कान दबाव में अंतर मध्य कान में वैक्यूम पैदा कर कान के पर्दे पर दबाव डालता है जिसके कारण कान में दर्द होता है। बैरोट्रॉमा का मुख्य कारण कान के दबाव में अचानक परिवर्तन होना है तथा इसके अन्य कारणों में गले में सूजन, एलर्जी से नाक का बंद होना, श्वसन संक्रमण है। बैरोट्रॉमा की स्थिति में कान में दर्द तथा कान भरा हुआ महसूस होता है।
  • किसी बारीक चीज से कान में खुजलाने से।
  • साइनस के संक्रमण के कारण भी कान दर्द की समस्या हो जाती है। साइनस हमारे माथे, नाक की हड्डियों, गाल और आँखों के पीछे खोपड़ी में पाया जाने वाला हवा भरा रिक्त स्थान है। स्वस्थ साइनस से प्रवाह कर सकती है परंतु साइनस के म्यूकस से अवरुद्ध होने से वहाँ पर संक्रमण हो जाता है तथा साइनस में सूजन आ जाती है। इस कारण से कान में दर्द होने लगता है।
  • दाँत में बैक्टिरीयल इंफेक्शन होने की वजह से भी कान में दर्द होने लगता है। दाँत में कैविटी या संक्रमण होने से, कई बार यह संक्रमण दाँतों का समर्थन करने वाली हड्डियों तक फैलकर गंभीर दर्द का कारण बनता है।
  • कान में फुंसी होने से भी दर्द होता है।
  • कान में किसी बाहरी वस्तु या कीड़े के घुसने से भी दर्द होता है।

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कान में दर्द से बचने का उपाय (How to Prevent Ear Pain in Hindi)

  • कान में दर्द का एक कारण साइनस या सर्दी-जुकाम भी है अत: कान दर्द के रोगी को ठंडी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • जिस आहार से कफ बने वो चीजें नहीं खानी चाहिए।
  • जंकफूड एवं बासी भोजन का सेवन ना करें।
  • नहाने के समय पानी या साबुन को कान में जाने से बचाये।
  • किसी तेज या नुकीली वस्तु से कान को साफ नहीं करना चाहिए।
  • नियमित रुप से प्राणायाम एवं योगासन करना चाहिए।
  • बहुत तेज आवाज से बचाव करना चाहिए।

कान में दर्द का घरेलू उपाय (Home Remedies for Ear Pain in Hindi)

कान में दर्द होने के बहुत सारे घरेलू उपाय हैं जिसे अपनाकर आप इस परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं

कानों की सेकाई करे

कान में सूजन के कारण होने वाले दर्द को ठीक करने के लिए गर्म सेकाई करना विशेष लाभदायक हो सकता है। इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड या हीट पैक से निकलने वाली गर्मी कान में सूजन और दर्द को कम कर सकती है। गर्म पैड को कान पर कुछ समय तक लगाएं, सर्वोत्तम परिणाम के लिए गर्दन और गले की भी सेंकाई करें। ध्यान रहे, हीटिंग पैड बहुत ज्यादा गर्म ना हो। सामान्य दर्द को ठीक करने में इसके लाभ हो सकते हैं।

तुलसी का रस कान में डालें 

तुलसी की पत्तियों का ताजा रस कान में डालने से 1-2 दिन में ही कान का दर्द समाप्त हो जाता है और मरीज अच्छा महसूस करता हैं।तुलसी, दर्द और संक्रमण को कम करने के लिए उपयोगी मानी जाती है। तुलसी को एंटी-बायोटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी-फंगल गुणों के लिए जाना जाता है, ऐसे में सूजन और दर्द से राहत दिलाने में इसके लाभ हो सकते हैं।

लहसून और सरसों का तेल

लहसून की कली को सरसो तेल में मिलाकर गर्म करें और तेल ठंडा होने के बाद उसे छान लें और फिर उसकी कुछ बूंदों को कान में डालने से कान दर्द में फायदा हो सकता है।

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प्याज का रस

प्याज के रस को पानी में मिलाकर उसे हल्का गर्म करें और फिर उसमें से 2-3 बूंद पानी को कान में डालने से कान दर्द में राहत पहुंचता है।

अदरक का रस

अदरक को पीसकर उसके रस को जैतून तेल में मिलाकर उस तेल की 2-3 बूंदें कान में डालने से कान के दर्द में राहत  मिलती है।

आम के पत्ते का रस 

आम के ताजे पत्तों को पीसकर रस निकाल लें तथा ड्रॉपर की सहायता से 3-4 बूंद कान में डाल लें। इससे भी कान के दर्द में राहत मिलेगी।

नीम के पत्ते का रस

नीम की पत्तियों का रस निकाल कर 2-3 बूंद कान में डालने से संक्रमण तथा दर्द से राहत मिलती है। 

लहसुन और तिल का तेल

लहसुन में एंटीबायोटिक और एंटी इनफ्लोमशन तत्‍व होते हैं जो दर्द में आराम पहुंचाने में फायदेमंद होते हैं। इसका उपयोग करने के लिए आप लहसुन की कुछ कलियों को अच्छे से कूचलें और तिल के तेल में डालें। कुछ मिनट इसे पकाएं और जब ये भूरा हो जाए तो गैस बंद करें। तेल को छानें और गुनगुने तेल की कुछ बूंदें कान में डालें

ऑलिव ऑयल 

जैतून के तेल को हल्का गरम करके कान में 3-4 बूँद डालने से भी आराम मिलता है।

मेथी कान दर्द में फायदेमंद 

मेथी को पीसकर गाय के दूध में मिलाकर इसकी कुछ बूंदे कान में डालें। यह कान के संक्रमण में लाभदायक है और दर्द में फौरन राहत दिलाता है।

अजवाइन का तेल

अजवाइन का तेल सरसों के तेल में मिलाकर गुनगुना करें और कान में डालें।

बेल की छाल

बेल के पेड़ की जड़ लेना है और उसे नीम के तेल में डुबाकर जला लें। इसमें से तेल रिसेगा उसे कान में डालना है। इससे कान का दर्द और संक्रमण दोनों दूर होगा।

लौंग और तिल का तेल

इसमें दर्द से राहत और सूजन को कम करने के गुण होते हैं। यह कान के संक्रमण और कान के दर्द का इलाज करने में मदद करते हैं। लौंग को तिल के तेल में डालकर भुने और ठंडा होने दे। इसे छानकर गुनगुने तेल की 1 से 2 बूंद कान में डाले।

Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी एक सामान्य ज्ञान पर आधारित है। फास्ट खबरें इसकी कोई पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। आपको या आर्टिकल कान मे दर्द का घरेलू उपाय कैसा लगा कमेंट में जरूर बताएं और इस जानकारी को लोगों के साथ साझा जरूर करें।